ऋषिकेश: मधुबन आश्रम के ट्रस्ट की बैठक को लेकर आश्रम में हुआ हंगामा, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को किया शांत


ऋषिकेश, 14 अक्टूबर ।मुनिकीरेती क्षेत्र में वर्ष 1988 से संचालित इस्कॉन न्यू वृंदावन ईस्ट ट्रस्ट द्वारा मधुबन आश्रम में उस समय हंगामा खड़ा हो गया।

जब आश्रम में अपने आप को ट्रस्ट के पदाधिकारी बता कर कुछ लोग बैठक करने लगे, जिसे लेकर दूसरे पक्ष द्वारा बैठक का विरोध करते हुए उन्हें आश्रम से चले जाने के लिए कहा जिसके बाद मौके पर पहुंची, मुनी की रेती पुलिस ने दोनों पक्षों की बात सुनकर उन्हें शांति व्यवस्था बनाए जाने का हवाला देते हुए कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है ।इसलिए यहां कोई भी बैठक किया जाना संभव नहीं हैै। अगर बैठक करना चाहते हैं, तो दोनों पक्ष की सहमति आवश्यक है।

वही ट्रस्ट के सचिव हेमंत कुमार हरे कृष्ण दास ने बताया कि उनका विवाद आश्रम को लेकर नहीं है, उनका जो विवाद है आश्रम के अंदर घुसे कुछ असामाजिक तत्वों से है। जिनके द्वारा आश्रम में रहकर लगातार धार्मिक गतिविधियां की जा रही है, और उस में आने वाले चंदे के रूप में चढ़ावे का कोई लेखा-जोखा ट्रस्ट को नहीं दिया जा रहा है ।जिनके द्वारा एक ट्रस्ट के बिना सहमति के अलग अकाउंट भी खोला गया है ।जो की पूरी तरह अवैधानिक है, वही उन्होंने यह भी बताया कि ट्रस्ट का गठन मुंबई में वर्ष 1986 में किया गया था। जिसके बाद ट्रस्ट द्वारा 1988 में मंदिर का निर्माण किया गया है ।तबसे ट्रस्ट द्वारााा अधिकृत‌स्वामी भक्ति योग के संचालन में सब कुछ ठीक-ठक चल रहा था ।

जिनके ब्रह्मलीन होने के पश्चात यहां कार्यरत कुछ कर्मचारी प्रेम प्रकाश राणा जो कि कथित रूप से आश्रम का महंत बन गए ,उनके साथ हर्ष कुमार कौशल और विवाद का मुख्य सूत्र धार सुनील शर्मा मधुबन आश्रम में अवैधानिक तरीके से गतिविधियों को संचालित करवा रहे हैं। जििनके विरुद्ध न्यायालय में विभिन्न धाराओं में मामला भी विचाराधीन है ।

वही मधुबन आश्रम के वर्तमान संचालक महंत परमानंद दास का कहना है कि इस्कॉन न्यू वृंदावन ईस्ट ट्रस्ट से निष्कासित ट्रस्टीयो हृषिकेश मफतलाल , आरके महेश्वरी, एस पी महेश्वरी , रवि खतनार और, राजेश तलवार द्वारा मधुबन आश्रम के सेवकों पर झूठे व बेबुनियाद आरोप लगाकर एक झूठी एफ. आर .आई के तहत धारा 467,468,408, व 420 आईपीसी के तहत दर्ज कराई गई थी ,जिसमें से पुलिस ने जांच करने के पश्चात धारा 467 व 468 हटा दी तथा इसके पश्चात उच्च न्यायालय ने मामले को सुनने के पश्चात धारा 420 मधुबन के सेवकों से हटा ली, इससे यह सिद्ध होता है कि निष्कासित लोग व उनके द्वारा अनाधिकृत लोग जैसे हेमंत ठाकुर (हरे कृष्ण दास) दीन गोपाल दास व अन्य इस्कॉन ऋषिकेश के नाम से अनाधिकृत चंदा व अन्य सामग्री ऋषिकेश वासियों से ले रहे हैं ।

मधुबन आश्रम का नाम लेकर इनका मधुबन आश्रम से कोई लेना देना नहीं है । जो कि जनता को गुमराह करने के लिए अनेक प्रकार की झूठी खबरें प्रसारित कर रहे हैं। इसमें जो भी कानूनी विवाद है उसका निस्तारण वैधानिक तरीके से किया जाएगा। बैठक करने वालों में ट्रस्ट केेेे सचिव हेमंत ठाकुर ,ऋषिकेश मफतलाल चेयरमैन, एसपी माहेश्वरी, डॉ रवि खटन हार, राजेश तलवार ,संजीव वजाज, आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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