ऋषिकेश 6 जनवरी। नए साल की शुरुआत में सुबह के समय दो युवकों के बीच में हुए आपसी झगड़े के दौरान गंभीर रूप से घायल युवक को दूसरे युवक द्वारा उसके गले में पड़े मफलर से गला घोट कर हत्या करने के आरोप में पुलिस द्वारा आरोपी युवक को गिरफ्तार किया गया है।
कोतवाली ऋषिकेश प्रभारी निरीक्षक केआर पांडे ने बताया कि बीती 1 जनवरी को कोतवाली ऋषिकेश में बबलू थापा पुत्र प्रेम बहादुर निवासी गली नंबर- 07 चंद्रेश्वर नगर ऋषिकेश के द्वारा एक लिखित तहरीर दी गई कि उसका पुत्र तुषार थापा बीती 31 दिसंबर की शाम 08 बजे करीब न्यू ईयर पार्टी मनाने गया था, अगले दिन 1 जनवरी की सुबह उन्हे सूचना मिली कि उनका पुत्र तुषार थापा को कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने मारपीट कर अधमरा कर केवलानंद चौक मायाकुंड ऋषिकेश में फेंक दिया था, जिसको पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ऋषिकेश दीप शर्मा द्वारा राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने तुषार थापा को मृत घोषित कर दिया।
दी गई तहरीर में यह भी बताया कि पुत्र तुषार थापा आखिरी बार अरुण खरे पुत्र राजवीर सिंह निवासी नगला करवाड़ा थाना दोघट जिला बागपत उत्तर प्रदेश हाल निवासी गली नंबर 10 चंद्रेश्वर नगर चंद्रभागा ऋषिकेश के साथ देखा गया था। उसके द्वारा ही तुषार थापा को मारा गया है, उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही की जाये। प्राप्त तहरीर के आधार पर पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा एक टीम गठित की गई जिसने मुखबिर की सूचना पर 5 जनवरी को ऋषिकेश आईएसबीटी बस स्टैंड के पास से अरुण खरे पुत्र स्वर्गीय राजवीर सिंह निवासी ग्राम नगला करवाड़ा, थाना दोघट, जिला बागपत, उत्तर प्रदेश हाल निवासी गली नंबर 10 चंद्रेश्वर नगर, ऋषिकेश, उम्र 24 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में अभियुक्त अरूण द्वारा बताया गया कि वह मूल रूप से बागपत उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, यहां चंद्रेश्वर नगर में किराए पर रहता हूं। बस अड्डे के पास द डिजाइनिंग स्टूडियो में शीशे का काम करता हूं। 31 दिसंबर को कंपनी की तरफ से होटल में न्यू ईयर की पार्टी थी, जिसके बाद रात 12:00 बजे खाने की तलाश में मैं त्रिवेणी घाट चला गया, जहाँ मुझे खाना नहीं मिला। उसके पश्चात मैं अपने कमरे में चला गया परन्तु भूख लगने की वजह से मुझे नींद नहीं आ रही थी। फिर 1 जनवरी की सुबह करीब 03:00 बजे मैं त्रिवेणी घाट चाय पीने के लिए गया, वहां पर मुझे तुषार उर्फ पिंडारी मिला, जहां हम दोनों ने चाय पी, इसी दौरान तुषार ने मुझे बताया कि मेरा दो लड़कों के साथ झगड़ा हो रखा है, उन्हें पीटने चलना है। इस पर हम दोनों त्रिवेणी घाट से निर्मल अस्पताल की तरफ चल दिए, निर्मल अस्पताल के सामने तिराहे पर वह मुझे एक घर में जाने के लिए कहने लगा, मैंने मना किया तो उसने मेरे साथ गाली-गलौज शुरू कर दी, जिससे मुझे गुस्सा आ गया हम दोनों में हाथापाई शुरू हो गई। लड़ाई झगड़े में तुषार नीचे गिर गया और मैंने उसके गले में पहने मफलर को खींचकर उसका गला घोट दिया, जिससे उसके चेहरे पर भी चोट आई। वहां पर लोगों के एकत्रित होने के कारण मैं वहां से भाग गया। मुझे बाद में पता चला कि तुषार की मृत्यु हो गई है, जिसके बाद से ही मै छिपता फिर रहा था, आज मैं पुलिस से बचते हुए अपने गांव नगला करवाड़ा भागने की फिराक में था तभी पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया।