भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए भगवत की कथा सुनो: लोहिताक्षदेव थपलियाल  श्रीमद् भागवत कथा का अयोजन 


ऋषिकेश 29 मार्च। ऋषिकेश गुमानीवाला में मनसा देवी स्थित बेलवाल निवास पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में आज छठे दिन कथा व्यास आचार्य  लोहिताक्षदेव थपलियाल (मधु ) ने कहा कि संसार में भगवान कृष्ण ही सृष्टि का सृजन, पालन और संहार करते हैं।भगवान के चरणों में जितना समय बीत जाए उतना अच्छा है। इस संसार में एक-एक पल बहुत कीमती है। जो बीत गया सो बीत गया। इसलिए जीवन को व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। भगवान द्वारा प्रदान किए गए जीवन को भगवान के साथ और भगवान के सत्संग में ही व्यतीत करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भागवत प्रश्न से प्रारंभ होती है और पहला ही प्रश्न है कि कलयुग के प्राणी का कल्याण कैसे होगा। इसमें सतयुग, त्रेता और द्वापर युग की चर्चा ही नहीं की गई है। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि बार-बार यही चर्चा क्यों की जाती है, अन्य किसी की क्यों नहीं। इसके कई कारण हैं जैसे अल्प आयु, भाग्यहीन और रोगी।
इसलिए इस संसार में जो भगवान का भजन न कर सके, वह सबसे बड़ा भाग्यहीन है। भगवान इस धरती पर बार-बार इसलिए आते हैं ताकि हम कलयुग में उनकी कथाओं में आनंद ले सकें और कथाओं के माध्यम से अपना चित्त शुद्ध कर सकें। व्यक्ति इस संसार से केवल अपना कर्म लेकर जाता है। इसलिए अच्छे कर्म करो। भाग्य, भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए भगवत की कथा सुनो।

बताते चलें कि श्रीमद् भागवत कथा का दिव्य आयोजन रमेश चंद्र बेलवाल द्वारा अपने समस्त पितरों के  सायुज्य मुक्ति हेतु किया जा रहा है। जिसमें उत्तराखंड के प्रसिद्ध कथा वक्ता आचार्य श्री आचार्य  लोहिताक्षदेव थपलियाल (मधु ) जी व्यास द्वारा कथा का ज्ञान दिया जा रहा है।जिसमें प्रमुख रूप से मंडापाचार्य आचार्य  संतोष पैन्यूली जी भी शामिल है।

इस अवसर पर रमेश चंद्र बेलवाल अपनी धर्मपत्नी लीला देवी, साहित शीला देवी, सुनीता बेलवाल राजेश बेलवाल सीमा बेलवाल दीपक बेलवाल भगवती प्रसाद मोहनलाल खुशी राम राम प्रसाद के साथ समस्त परिवार जन अपने सभी इष्ट मित्रों  संग उपस्थित थे।

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