ऋषिकेश, 07 अप्रैल। गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान के प्रकाश के बिना शिष्य का जीवन कभी सुख मय नहीं हो सकता, क्योंकि गुरु ही अपने शिष्यों को सही र्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
यह विचार षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष और भगवान गिरी आश्रम के पीठाधीश्वर बाबा भूपेंद्र गिरी ने मायाकुंड स्थित भगवान गिरी आश्रम में आयोजित ब्रह्मलीन भगवान गिरी महाराज के 37 वें निर्वाणउत्सव के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति मैं गुरु का सबसे ऊंचा स्थान है जो कि अपने शिष्य को उनके कल्याण मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है जोकि अंतर्मन से दिये गए आशीर्वाद स्वरूप हमेशा अपने शिष्य के कल्याण की कामना करता है।
उन्होंने कहा कि गुरु बनाए जा का जीवन जहां अपने शिष्य के प्रति समर्पित रहता है वही शिष्य को भी अपने गुरु के प्रति समर्पित रहना चाहिए, इस दौरान षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत गोपाल गिरी, ने कहा कि ब्रह्मलीन भगवान गिरी महाराज ने जहां समाज सेवा को अपना मिशन बनाया ,वही उन्हें सिद्ध संत के रूप में भी जाना जाता था। उन्होंने पांडव गुफा में वर्षों से ध्यान लगाकर कई प्रकार की सिद्धियां भी प्राप्त की थी।
कबीर चौरा आश्रम के महंत कपिल मुनि, ने भी अपने विचार व्यक्त किए वही , इस दौरान आश्रम में सुंदरकांड, रामायण का भी भोग लगाये जाने के साथ विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। वही भगवान गिरी जी का निर्वाण उत्सव धूमधाम से मनाया गया।
जिसमें निरंजनी अखाड़े के स्वामी अमर गिरी, स्वामी मधुर बन, आह्वान अखाड़े के श्री मंहत थानापति रवि गिरी, मंहत प्रयाग गिरी, निर्वाणी अखाड़े के मैच राधेपुरी, उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ,नगर निगम महापौर अनीता ममगांई, हेमकुंड गुरुद्वारे के प्रबंधक सरदार दर्शन सिंह, गुरुद्वारा डेरा ठाकरा के महंत बलवीर सिंह ,मनोहर लाल, जतिन विरमानी, सोनू ,कसमीर सिंह, महंत विनय सारस्वत, श्री ब्रह्मचारी केशव स्वरूप शंकराचार्य आश्रम, देव सिंह, महंत कपिल मुनि कबीर चौरा आश्रम, गोपाल विरमानी, विनोद शर्मा सहित काफी संख्या में लोगों ने प्रतिभाग किया।
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