2023 के पहले सूर्य ग्रहण को देखते हुए ऋषिकेश तीर्थ नगरी के मंदिरों में नहीं बजे घंटे घड़ियाल


ऋषिकेश, 20 अप्रैल ।वैशाख अमावस्या पर पड़े गुरुवार की सुबह, 7:05 बज कर 12 बज कर 29 मिनट तक पड़े ,2023 के पहले सूर्य ग्रहण को देखते हुए ऋषिकेश तीर्थ नगरी के तमाम मंदिरों के कपाट बंद रहने से‌ नहीं बजे घंटे घड़ियाल, वही इस दौरान ग्रहण समाप्ति के समय के उपरांत लोगों ने गंगा में स्नान कर जप तप कर गरीबों में दान पुण्य किया।

गोपाल मंदिर के पुजारी बद्री प्रसाद मिश्रा का कहना था कि गुरुवार की सुबह पड़ा सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखा, परंतु पूरी दुनिया में सूतक मनाया गया। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी देश में जिस प्रकार किसी व्यक्ति की मौत होने के बाद परिजन चाहे कहीं भी हो उनके परिजनों में भी सूतक को माना जाता है।

इसी प्रकार सूर्य पर पड़े ग्रहण का सूतक का प्रभाव भी पूरे दुनिया में पड़ेगा, इसलिए सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को इस प्रकार के ग्रहण में शुभ कार्य करना वर्जित बताया गया है, ग्रहण के दौरान दोष से बचने के लिए मनुष्य को जब तप और भजन इत्यादि करने चाहिए। इसी के चलते मंदिरों में भी पूजा अर्चना नहीं की जाती है।

ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व सूतक लग जाता है । इसी को देखते हुए बुधवार की रात्रि से ही मंदिरों के कपाट दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिए गए थे ,जिन्हें ग्रहण समाप्ति के उपरान्त ही खोला गया है।


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