भाई बहनो का पवित्र रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल होने से असमंजसता को करे दूर, जानिए सही समय वा सही मूहर्त। जानिए वैदिक ब्राह्मण महासभा ऋषिकेश की रक्षाबंधन सूत्र को लेकर हुई बैठक में क्या निकला निष्कर्ष


ऋषिकेश, 25 अगस्त । भाई बहनो का पवित्र रक्षाबंधन एवम सनातन उपाकर्म 30अगस्त की रात्रि में 9 बजकर 06 मिनट के बाद ही करना ही उचित है।

यह विचार पवित्र रक्षाबंधन एव सनातन के पवित्र त्यौहार उपाकर्म को लेकर वैदिक ब्राह्मण महासभा (पंजी) ऋषिकेश उत्तराखंड की बैठक महासभा के कार्यालय जनार्दन आश्रम दंडीवाड़ा मायाकुंड ऋषिकेश में सम्पन हुई,बैठक में आगामी सनातन के पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन एवम् उपाकर्म पर चर्चा की गई,बैठक की अध्यक्षता करते हुए ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष मणिराम पैन्यूली ने कहा की इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल होने से लोग असमंजस की स्थिति में हैं।

उन्होंने कहा की 30 अगस्त को सुबह 10 बज के 59 मिनट से पूर्णिमा तिथि आरंभ हो रही है, और उसी समय भद्रा भी आरंभ हो कर रात्रि 9 बजकर 05 मिन्ट तक रहेगी,और अगले दिन पूर्णिमा तिथि प्रातः काल केवल 7 बजकर 06 मिन्ट तक ही है,शास्त्रों में अनेक प्रकार के कथन,उपाय, समधान हैं किंतु शास्त्रों का भलीभांति अध्ययन करने के बाद ब्राह्मण महासभा ऋषिकेश इस निर्णय पर पहुंची है,की भद्रा काल में रक्षाबंधन करना निषेध रहेगा,इसलिए रक्षा बंधन रात्रि में 9 बजकर 06 मिनट के बाद ही करना उचित है,अगर किसी कारण से रात्रि में कोई रक्षाबंधन न कर पाए तो 31 अगस्त सूर्योदय से प्रातः 07 कर 05 मिन्ट तक भी किया जा सकता है,तथा उपाकर्म 30 अगस्त को मध्यान के बाद करना उचित होगा।

बैठक में महासभा के महामंत्री महेश चमोली, उपाध्यक्ष जगमोहन मिश्रा प्रवक्ता डा0 जनार्दन प्रसाद कैरवान, कोषाध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल,सुभाष डोभाल आदि उपस्थित थे।

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