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उत्तराखंड के पहाड़ों में हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए भारत सरकार के निर्देश पर जापान की कंपनी ने किया निरीक्षण  132 करोड़ की लागत से बनाए जाएंगे 15 से अधिक चेक डैम


ऋषिकेश, 30 दिसंबर । जापान सरकार की कंपनी जायका द्वारा भारत सरकार के निर्देश पर उत्तराखंड सरकार के वन विभाग द्वारा संपूर्ण उत्तराखंड में 132 करोड़ों रुपए और नरेंद्र नगर वन प्रभाग में 9.5 करोड़ की लागत से पहाड़ों में हो रहे भूसंखलन के साथ ‌ पानी की सुचारू निकासी के लिए बनाए जा रहे चेक डैम का शनिवार को वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण किया।

उत्तराखंड सरकार के चीफ इंजीनियर जय कुमार शर्मा ने बताया कि यह योजना वर्ष 2018 में प्रारंभ हो गई थी, जिसका 2 वर्ष में सर्वे किया गया। इसके उपरांत अभी तक 50% कार्य पूर्ण हो चुका है और यह कार्य मार्च 2024 तक 90% पूरा हो जाएगा। उन्हें उम्मीद है कि वर्षा काल से पूर्व इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा, जिस पर तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है। इस योजना के पूर्ण होने के बाद पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थरों का गिरना तो रुक ही जाएगा।साथ ही पानी का रिसाव भी कम होगा। जिसके लिए चेक डैम बनाए जा रहे हैं ।

जयकुमार शर्मा ने बताया कि इस प्रकार की परियोजना पूरे उत्तराखंड में चल रही है जिसमें 7 स्थानों पर कार्य हो रहा है जिसके अंतर्गत ऋषिकेश के निकट नरेंद्र नगर वन प्रभाग के नीरगढ़, रुद्रप्रयाग के जवाडी, कुमांऊ मंडल के भवाली के‌निकट (पाडली )रायपुर ,जोखला (कालसी), उत्तरकाशी के पास मल्ला (लखनपुर के पास परियोजना चल रही है ।उन्होंने बताया कि पहाड़ों से होने वाले भू संखलन को रोकने के लिए जापान की तकनीकी के आधार पर ईरोजन कंट्रोल मैट भी लगाई जा रही है इसके बाद बड़े पत्थर सड़क पर नहीं आएंगे और दुर्घटनाओं से भी बचा जा सकेगा। इस योजना के अंतर्गत ग्रुप 15 से अधिक चेक डैम बनाए जाएंगे क्योंकि पूरी तरह जापानी तकनीकी के आधार पर होंगे।

स्थलिय निरीक्षण के दौरान जापानी टीम के प्रमुख ईजीमा, होताका ओकी डैम प्रोजेक्ट मैनेजर के अतिरिक्त नरेंद्र नगर कंजरवेटर धर्म सिंह मीणा डीएफओ अमित कंवर, डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर कोको रोजे, विवेक जोशी , वन अधिकारी वीर बहादुर सिंह , सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।


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