चीला में सड़क दुर्घटना के दौरान गायब हुई वन विभाग की वार्डन आरोह का एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर शव‌ किया बरामद


ऋषिकेश , 11 जनवरी। जनपद पौड़ी गढ़वाल के लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र अंतर्गत ‌सोमवार की शाम को हुई सड़क दुर्घटना में गायब हुई वन महकमे की महिला वार्डन अधिकारी आलोकी का शव चीला बैराज से एसडीआरएफ ने रेस्क्यू कर बरामद करने मे सफलता प्राप्त की है।

सोमवार को सड़क दुर्घटना में चार वन कर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई थी और महिला अधिकारी आलोकी तब से लापता थी। उसी इंटरसेप्टर वाहन में आलोकी भी सवार थी। एसडीआरएफ के प्रभारी कविंद्र सजवाण ने बताया कि आरोही की तलाश में लगातार गहन सर्च अभियान चला रही थी, इसके उपरांत चौथे दिन सुबह शव दिखने के बाद एसडीआरएफ ने शव को बाहर निकालकर स्थानीय पुलिस को सौंप दिया है।

आपको बता दें इससे पहले आलोकी मोतीचूर रेंज की रेंजर थी, कुछ समय पहले प्रमोशन होने के बाद वन्य जीव प्रतिपालक (एस डी ओ चीला) के पद पर चीला में पोस्टेड थी। वह वन महकमे की काबिल अधिकारी मानी जाती थी। सोमवार को इंटरसेप्टर वाहन के ट्रायल रन के दौरान सड़क दुर्घटना में 4 वन कर्मियों की मौत हो गयी थी जिसमें चीला रेंजर, एक डिप्टी रेंजर, दो अन्य थे और आलोकी तब से गायब थी। तब से संभावना जताई जा रही थी कि वह गाड़ी से छिटक कर नहर में गिर गयी होंगी। उसके बाद गहन सर्च अभियान जारी था। वाहन में 10 लोग सवार थे।जिसमें से 4 की मौके पर ही मौत हो गयी थी।पांच घायलों को एम्स लाया गया था। आलोकी लापता थी। घायलों में 3 को डिस्चार्ज कर दिया था। ढ्यो कि हालत नाजुक बनी हुई है।जिसमें एक पशु चिकित्सक डॉ राकेश नौतियाल भी हैं। एसडीआरएफ के प्रभारी कवींद्र सजवाण के मुताबिक शव को एसडीआरएफ की टीम ने बृहस्पतिवार की सुबह बरामद कर लिया है। राफ्ट डालकर डीप डाइविंग टीम ने शव को बाहर निकाल कर लक्ष्मण झूला पुलिस के सुपूर्द कर दिया है। आपको बता दें कि‌चीला शक्ति नहर के पानी को पिछले 4 दिन से रोका हुआ था ।

शव की बरामदगी के लिए। ऐसे में परिजन भी परेशान थे। आलोकी श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली थी। उनके पति का दिल्ली में अपना क्लीनिक हैं वह भी यहीं आये हुए थे। दो वर्ष पहले दोनोँ की शादी हुई थी। 

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