अयोध्या में 22 जनवरी को हो रही भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा हिंदू समाज के लिए गौरव का विषय: भूपेंद्र गिरी बंगाल में हुए साधुओं पर हमले की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से ममता सरकार को बर्खास्त करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की संतो ने करी मांग, भगवान गिरी आश्रम में आयोजित हुआ संत सम्मेलन, 


ऋषिकेश,14 जनवरी।मकर संक्रांति के अवसर पर माया कुण्ड ‌स्थित‌‌ भगवान गिरी आश्रम में आयोजित संत सम्मेलन में संतों ने बंगाल में साधुओं पर किए गए हमले की तीव्र शब्दों में निंदा करते हुए केंद्र सरकार से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग के साथ अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा मे लगे सभी संगठनों का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

रविवार को भगवान गिरी आश्रम में आयोजित मकर संक्रांति समारोह के दौरान षड़ दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा भूपेंद्र गिरी ने अयोध्या में 22 जनवरी को हो रही भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को हिंदू समाज के लिए गौरव का विषय बताते हुए कहा कि सदियों से अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर बनाए जाने के लिए संघर्ष किया यह संघर्ष 500 वर्षों से लगातार जारी था जो कि अब प्रत्यक्ष ‌साकार रूप में फलीभूत होता दिख रहा है, क्योंकि भारत के कण-कण में राम है और भारत के प्रत्येक नागरिक में के मन में राम भक्ति ओर राष्ट्रीय भक्ति है उन्होंने कहा की राजनीति तोड़ने का कार्य करती है और धर्म जोड़ने का राम ने भी अपने जीवन काल में छुआछूत ऊंच नीच का भेदभाव छोड़कर सभी को जीने की कला भी सिखाई है, इसलिए हम सबके राम और राम हमारे हैं हम सब में एक है। वही इस दौरान महंत गोपाल गिरी ने बंगाल में साधुओं पर किए गए हमले की तीव्र निन्दा करते हुए केंद्र सरकार से‌ बंगाल सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है उन्होंने कहा कि बंगाल में कानून नाम की चीज नहीं रह गई है जिसके चलते अब साधुओं को भी निर्वस्त्र कर पीटा जा रहा है, उन्होंने कहा कि ममता सरकार भगवा रंग से घबराई हुई है जिसके कारण वह साधुओं को पिटवा रही है, जिसे पूरे हिंदुस्तान का संत बर्दाश्त नहीं करेगा और न्याय के लिए संघर्ष करेगा।

इस मौके पर महामंडलेश्वर ईश्वर दास, योगाचार्य स्वामी प्रणव चैतन्य ने भी साधुओं पर किए गए हमले की निंदा की,

इस अवसर पर मंहत कपिल मुनि, स्वामी परीक्षित गिरी महाराज, स्वामी सत्यगिरी, स्वामी धूप दास, स्वामी वृंदावन दास, महेश भारती, श्यामानंद, गंगाधर गिरी, राधे पुरी, योगीराज दुलाल महाराज, मनोहर लाल, गुरप्रीत सिंह सोनू,जतिन विरमानी, दीपक तायल, सरस्वती विद्या मंदिर प्रधानाचार्य राजेंद्र कुमार पांडे, हरदीप‌‌ बिल्ला सहित काफी संख्या में संत एवं‌‌ भक्त‌ उपस्थित थे।

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