टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने जीता नराकास वैजयंती का प्रथम पुरस्कार

ऋषिकेश, 29-जनवरी। : आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने निगम के कारपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश को नराकास राजभाषा वैजयंती (प्रथम पुरस्कार) प्राप्त होने पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार निगम में राजभाषा कार्यान्वयन के उत्कृष्ट निष्पादन को प्रदर्शित करता है। उन्होंने निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों से आग्रह किया कि राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में वे अपना अमूल्य योगदान देना जारी रखें।

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की 37वीं बैठक आज होटल गार्डेनिया, सिडकुल, हरिद्वार में पंजाब नेशनल बैंक, मंडल कार्यालय, हरिद्वार के सौजन्य से आयोजित की गई। बैठक की अध्‍यक्षता नराकास, अध्‍यक्ष एवं टीएचडीसी के निदेशक(कार्मिक), शैलेन्‍द्र सिंह ने की। बैठक में हरिद्वार, रूड़की, ऋषिकेश एवं पर्वतीय क्षेत्र में स्‍थित केंद्र सरकार के प्रतिष्ठित सदस्‍य संस्‍थानों के प्रमुखों एवं प्रतिनिधियों एवं राजभाषा अधिकारियों ने बड़ी संख्‍या में प्रतिभागिता की ।

कार्यक्रम में सर्वप्रथम समिति के अध्‍यक्ष एवं टीएचडीसी के निदेशक (कार्मिक),  शैलेन्‍द्र सिंह, पंजाब नेशनल बैंक के अंचल प्रमुख  एस.एन.दूबे, मंडल प्रमुख,  रवीन्द्र कुमार, बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक,  टी.एस.मुरली एवं अन्‍य विशिष्‍ट अतिथियों का स्‍वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर किया गया।

बैठक में नराकास राजभाषा वैजयंती योजना के अंतर्गत सदस्य संस्थानों को राजभाषा शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की श्रेणी में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने प्रथम, बीएचईएल, हरिद्वार ने द्वितीय एवं भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड, लंढोरा ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। श्रेणी-2 भारत सरकार के कार्यालय/बोर्ड/स्वायत्तशासी निकाय के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय, हरिद्वार ने प्रथम, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की ने द्वितीय, सीएसआईआर-केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की ने तृतीय तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश ने प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त किया। राष्ट्रीयकृत बैंक एवं बीमा कंपनियों की श्रेणी में पंजाब नेशनल बैंक, मंडल कार्यालय, हरिद्वार, दि न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ऋषिकेश एवं बैंक ऑफ बड़ौदा, हरिद्वार शाखा को तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।

बैठक के दौरान पुरस्कार वितरण समारोह में समिति के अध्यक्ष,  शैलेन्द्र सिंह ने अपने कर-कमलों से विजेता संस्थानों के प्रमुख एवं प्रतिनिधियों को ये शील्ड प्रदान की। साथ ही छमाही के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।
बैठक में नराकास सचिव,  पंकज कुमार शर्मा द्वारा नराकास हरिद्वार द्वारा आयोजित गतिविधियों एवं राजभाषा से संबंधित नवीनतम जानकारियों से अवगत कराया गया। उन्होंने राजभाषा हिंदी की प्रगति की अर्धवार्षिक रिपोर्टो की समीक्षा की। इसके उपरांत चर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें उपस्‍थित सदस्‍य संस्‍थानों के प्रमुख एवं प्रतिनिधियों ने अपने बहुमूल्‍य सुझाव दिए।

समिति के अध्‍यक्ष, शैलेन्‍द्र सिंह ने अपने संबोधन में सभी सदस्‍य संस्‍थानों के प्रमुखों एवं प्रतिनिधियों को नववर्ष एवं गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं संप्रेषित की। उन्होंने कहा कि पूरे राष्‍ट्र को एक सूत्र में पिरोने में हिंदी ने अपनी महति भूमिका निभाई है। आजादी के आंदोलन में हिंदी के योगदान एवं देश के सबसे बड़े भाग में बोली जाने वाली हिंदी भाषा को संविधान में संघ की राजभाषा के रूप में अपनाया गया। संविधान में की गई व्यवस्था के अनुसार 22 क्षेत्रीय भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया गया। इसका कारण यह था कि पूरे देश में एक साथ हिंदी को स्थापित करना संभव नहीं था। क्योंकि हमारा देश बहुभाषी देश है। इसलिए हिंदी को धीरे-धीरे ही स्थापित किया जा सकता है। इस अभियान में समय लग सकता है। परन्तु हमें अपने प्रयास जारी रखने हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र की अपनी स्वतंत्र भाषा है और वे अपने सरकारी कार्यों में सिर्फ उसी का प्रयोग करते हैं। उन्होंने भाषा के सरलीकरण पर बल देते हुए कहा कि हिंदी में अनेक शब्द दूसरी भाषाओं से प्रचलन में आए हैं, जिन्हें उसी रूप में अपनाया जाना उचित होगा । जिससे अपने दैनिक कामकाज में हिंदी को सरलता से अपनाया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!