तीर्थनगरी में एमडीडीए ने तहसील प्रशासन के साथ मिल फिर चलाया सीलिंग का चाबुक, ऋषिकेश सहित विस्थापित मे निर्माण को किया सील तो वही रायवाला में करीब 7 बीघा अवैध प्लाटिंग के खिलाफ भी की कार्रवाई
ऋषिकेश 5 फरवरी। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माण और अवैध तरीके से की गई प्लाटिंग को लेकर लगातार रूप से सख्त रवैया अपनाता जा रहा है उसी कड़ी में आज ऋषिकेश तथा आसपास क्षेत्र में हो रही अवैध प्लाटिंग और अवैध निर्माण को लेकर मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने सख्ती दिखाई है।
सोमवार को एमडीडीए की टीम ने पुलिस बल के साथ रायवाला में करीब छह से सात बीघा भूमि पर की गई अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त किया। वहीं एमडीडीए तथा तहसील प्रशासन ने ऋषिकेश तथा विस्थापित क्षेत्र में दो अवैध निर्माण भी सील किए हैं।
ऋषिकेश नगर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार अवैध निर्माण और अवैध प्लाटिंग की शिकायतें सामाने आती हैं। एमडीडीए की ओर से समय-समय पर सीलिंग की कार्यवाही भी की जाती है, मगर विभाग के शिथिल रवैये के कारण भवन निर्माण कर्ता फिर से विभाग की आंखों में धूल झोंककर निर्माण कार्यों को अंजाम दे जाते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में सबसे अधिक मामले अवैध प्लाटिंग के सामने आते हैं। जहां कृषि भूमि पर बड़े पैमाने में लैंड यूज बदले और ले आउट पास कराए प्लाटिंग की जा रही है। जबकि नगर क्षेत्र में बिना मानचित्र पास कराए अवैध निर्माण भी धड़ल्ले से जारी हैं। कई मामले तो ऐसे भी हैं, जहां सीलिंग की कार्रवाई के बाद भी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं।
सोमवार को उप जिलाधिकारी व एमडीडीए के उप सचिव योगेश मेहरा के आदेश पर एमडीडीए के टीम ने पुलिस फोर्स के साथ क्षेत्र में ताबड़तोड़ कार्रवाई की। टीम ने रायवाला ग्रामसभा में एक करीब सात बीघा भूमि पर की गई अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त किया।
एमडीडीए के सहायक अभियंता सुरजीत सिंह रावत ने बताया कि गोविंद पांडेय की ओर से कृषि भूमि पर की गई इस प्लाटिंग का कोई ले-आउट विभाग की ओर से पास नहीं कराया गया था। इस प्लाटिंग पर कुछ भवनों का निर्माण भी किया जा रहा था, जिन्हें विभाग की ओर से पूर्व में ही नोटिस भी दिए गए थे। उन्होंने बताया कि उक्त अवैध प्लाटिंग में किए गए सीमांकन को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा हरिद्वार मार्ग पर श्री भरत मंदिर इंटर कालेज के पीछे मुख्य मार्ग पर भरत मंदिर ट्रस्ट के नाम से कुछ निर्माण कराया जा रहा था, जिसका मानचित्र पास नहीं था और ना ही इस निर्माण की कोई अनुमति दी गई थी। इस निर्माण को भी सील कर दिया गया है। इसके अलावा विस्थापित क्षेत्र गली नं. 13 में उमेश सैनी द्वारा भी एक अवैध निर्माण कराया जा रहा था, जिसे सील कर दिया गया है।
टीम में सहायक अभियंता सुरजीत सिंह रावत, अवर अभियंता संजय जगुड़ी, सुपरवाइजर राकेश कुमार, मेघराज व नायब तहसीलदार जीडी जोशी शामिल रहे।
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