उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद आखिरकार वर्षोँ बाद रेलवे रोड़ स्थित ऋषिकेश कालेज की भूमि हुई कब्जा मुक्त  


ऋषिकेश 1 मार्च। ऋषिकेश रेलवे रोड स्थित. पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि ऋषिकेश परिसर की भूमि आखिर कार कब्जा मुक्त कर दी गई है। 1.90 एकड़ भूमि पर कुछ लोग कई वर्षों से अवैध रूप से काबिज थे, जिन्हें तीन माह में कब्जामुक्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय ने आदेश जारी किए थे। आखिर वर्षोँ बाद कालेज प्रशासन ने इस भूमि पर अपना कब्जा प्राप्त कर लिया है।

पं. ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि की रेलवे रोड स्थित भूमि पर कई वर्षों से एक लकड़ी की टाल के संचालक तथा कुछ अन्य लोगों ने अवैध रूपा से कब्जा किया हुआ था। पूर्व में भी कई बार इस भूमि को खाली कराने के लिए प्रयास किए गए, मगर कब्जाधारियों ने भूमि को खाली करने के बजाय उच्च न्यायालय में वाद दायर कर दिया। इस वाद में योगेश वार्मा व अन्य, संजीव कालरा व अन्य, गुरुचरन सिंह व अन्य तथा शीशपाल व अन्य चार पक्ष ने सरकार के विरुद्ध वाद दायर किया था। इस वाद की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय नैनीताल में दो अक्टूबर 2023 को चारों पक्षों के कब्जे को आधारहीन बताते हुए कब्जा खाली करने के आदेश दिए थे। जिस पर विपक्षियों ने उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। इस पुनर्विचार याचिका पर भी 10 अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने अपना फैसला बरकरार रखा था। जिसके बाद काबिज पक्ष ने उच्चतम न्यायालय में वाद दायर किया। मगर उच्चतम न्यायालय ने भी एक दिसंबर को उच्च न्यायालय के फैसले को यथावत रखते हुए तीन माह में काबिज पक्ष को कालेज की 0.769 हैक्टेयर (1.90 एकड़) भूमि से कब्जा छोड़ने के आदेश दिए थे।
29 फरवरी को उच्चतम न्यायालय की ओर से दी गई तिथि की समय सीमा समाप्त होने पर शुक्रवार को श्रीदेव सुमन विवि के ऋषिकेश परिसर का प्रशासन कालेज की भूमि पर कब्जा लेने पहुंचा। तब तक प्रतिवादी पक्ष की ओर से अधिकांश कब्जा हटा दिया गया था। शेष कब्जे को कालेज प्रशासन ने जेसीबी के माध्यम से ध्वस्त कर इस भूखंड को अपने कब्जे में लिया। इस दौरान परिसर के निदेशक प्रो. महावीर सिंह रावत, संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो. जीके ढींगरा, संकायाध्यक्ष कला डीपी गोस्वामी, प्रो. पीके सिंह, प्रो. धमेंद्र तिवारी, प्रो. डीएम गुप्ता, प्रो. डीएम त्रिपाठी, डा. वीएन गुप्ता, डा. अशोक मेंदोला आदि उपस्थित थे।

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बाउंड्री के भीतर हो गया पक्का बहुमंजिला निर्माण

रेलवे रोड स्थित भूमि पर वर्षों पुराने कब्जे को हटाकर भले ही कालेज प्रशासन की एक बड़ी जीत हुई हो। मगर, अभी भी पूरी 0.769 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा प्राप्त करने कालेज प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है।

शुक्रवार को कालेज प्रशासन ने इस भूमि को अपने कब्जे में ले लिया है, मगर अभी तक इसी सही ढंग से नपाई नहीं की गई है। इस भूमि के पिछले हिस्से में एक बहुमंजिला इमारत निमार्णाधीन है, जिसका बड़ा हिस्सा कालेज की पुरानी बाउंड्री के भीतर आ रहा है। हालांकि अभी तक यह तय नहीं हो पाया कि यह निमा्रण 0.769 हेक्टेयर भूमि के भीतर है या बाहर। कालेज प्रशासन की माने तो सही सीमांकन के बाद यदि यह निर्माण कालेज की संपत्ति के अंतर्गत आता है तो प्रशासन के माध्यम से इसे भी कब्जे में लिया जाएगा।

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