Advertisement

ऋषिकेश लोनिवी द्वारा छोटे ठेकेदारों की अनदेखी ने किया उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा: शीशपाल पोखरियाल राजकीय ठेकेदार महासंघ ने मांगों का जल्द निराकरण नहीं पर उग्र आंदोलन की दी चेतावानी 


ऋषिकेश 26 मार्च।  बड़ी कंपनियों और बड़े ठेकेदारों को तकनीकी दांव पेंच द्वारा बड़े टेंडर देकर छोटे-छोटे ठेकेदारों को समाप्त कर रही है उत्तराखंड सरकार, यह कहना है राजकीय ठेकेदार महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष शीशपाल पोखरियाल का। 

बुधवार को आईएसबीटी स्थित ऋषिकेश प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में संबोधित करते हुए राजकीय ठेकेदार महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष शीशपाल पोखरियाल ने बताया कि अगर सरकार ने उनकी सात सूत्रीय मांगों का जल्द निराकरण नहीं किया तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होगें। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने उत्तराखंड सरकार पर ऋषिकेश के पंजीकृत ठेकेदारों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने बताया कि ठेकेदार महासंघ की मुख्य मांगें बड़ी योजनाओं को विभक्त कर छोटी योजनाओं की निविदा के माध्यम से लगाए जाने, रॉयल्टी की वसूली ठेकेदारों से नहीं लिए जाने, विभाग में पंजीकरण की प्रक्रिया को सरलीकरण करने और ‘ए’ क्लास से नीचे अवर अभियंता की बाध्यता को खत्म करने, 5 करोड़ तक की निविदा को सिंगल बिड सिस्टम  करने, ऋषिकेश के ठेकेदारों को देहरादून और हरिद्वार में काम नहीं मिलता जबकि बाहर के ठेकेदारों को ऋषिकेश में कार्य मिल जाता है इस विसंगति को दूर करने, विभाग द्वारा 2018 में जो रेट तय किए गए थे, उन्हें बढावा नहीं गया है उन्हें बढाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य योजना के अंतर्गत ग्राम सभा खदरी खड़क माफ श्यामपुर, चोपड़ा फार्म, बलजीत फॉर्म में बड़ी निविदा बड़ी करके लगाई गई है उससे छोटे ठेकेदारो पर रोजगार का असर पड़ा है। जिससे उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। आज 95 प्रतिशत ठेकेदार काम के अभाव में खाली बैठे है। उन्होंने बताया कि विभाग की मिलीभगत से लोनिवी द्वारा कुछ चुनिंदा ठेकेदारो को काम दिया जा रहा है।
महासंघ के संरक्षक संजय पोखरियाल ने कहा कि प्रदेश में सभी छोटे ठेकेदारों को वर्तमान समय में कार्य करने में कई कठिनाईओं का सामना कारना पड़ रहा है। कहा कि विभागों द्वारा टेंडर की प्रक्रिया की विज्ञप्ति भी स्थानीय समाचार पत्रों में नहीं बल्कि बाहर के समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाती है जिसकी जानकारी स्थानीय ठेकेदारों को नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि महासंघ का प्रतिनिधि मंडल अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर विभागीय मंत्री, सचिव और विभाग के अन्य अधिकारियों से ज्ञापन के माध्यम से कई बार मिल चुका है और अपनी मांगों के निराकरण की मांग कर चुका है मगर स्थिति जस की तस बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी इन सात सूत्रीय मांगों का निराकरण जल्द नहीं किया तो महासंघ उग्र आंदोलन को बाध्य होगा। जिसकी पूरी जानकारी सरकार की होगी।

इस मौके पर महासंघ संरक्षक कुशाल सिंह राणा, अमरीश गर्ग, पिंकेश सैनी, गौतम राणा, जयबीर नेगी, कमलेश डंगवाल, महेश चौहान, भगवती प्रसाद जोशी मौजूद थे। 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!