मुनीश्वर वेदांग संस्कृत विद्यालय में प्रवेश उत्सव मनाया गया, छात्रों को संस्कृत भाषा की महत्ता जानना जरूरी: केशव स्वरूप ब्रह्मचारी


ऋषिकेश 27 अप्रैल। ऋषिकेश मायाकुंड स्थित मुनीश्वर वेदांग संस्कृत विद्यालय में प्रवेश उत्सव मनाया गया। विद्यालय में नए प्रवेशार्थियों को माला पहनाकर और पाठ्य सामग्री देकर स्वागत किया गया।

विद्यालय में प्रवेश उत्सव समारोह के अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डाक्टर जनार्दन प्रसाद कैरवान ने कहा कि प्राचीन काल से ही संस्कृत के गुरुकुलों में नए प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का स्वागत किया जाता था,वेदाध्ययन करने से पूर्व विद्यार्थियों का दशविधि स्नान करके यज्ञोपवीत धारण करवाकर वेद शास्त्रों का अध्ययन करवाया जाता था,

उन्होंने कहा कि इस साल से उत्तराखंड सरकार के द्वारा पूरे प्रदेश में सरकारी विद्यालयों में प्रवेश करने वाले छात्रों का स्वागत किया जा रहा है,छात्रों को सरकारी विद्यालयों के और आकर्षित किया जा रहा है,सरकार के निर्देश पर सभी विद्यालय छात्रों को सरकारी सुविधाओं से अवगत करवाकर प्रवेश दिला रहे हैं।सरकारी विद्यालयों में जहां उच्च शिक्षित अध्यापक छात्रों को अध्ययन कराने की लिए नियुक्त हैं,वहीं सरकार पाठ्य पुस्तकें, आदि भी छात्रों को उपलब्ध करवाती है,इसी प्रकार की सुविधाएं संस्कृत के छात्रों के लिए भी उपलब्ध हैं,संस्कृत विद्यालयों में छात्रों को शिक्षा के साथ साथ संस्कृति तथा संस्कारों से भी जोड़ा जाता है।संस्कृत से अध्ययन करने वाला छात्र कभी भी बेरोजगार नहीं रहता है।

इस अवसर पर जनार्दन आश्रम के प्रबंधक केशव स्वरूप ब्रह्मचारी ने छात्रों को संस्कृत भाषा की महत्ता से अवगत करवाया।

इस अवसर पर वैदिक ब्राह्मण महासभा पंजीकृत ऋषिकेश के अध्यक्ष जगमोहन मिश्रा,  अजय गौड़ ,विद्यायल के वरिष्ठ अध्यापक जितेंद्र प्रसाद भट्ट, क्षेत्रीय पार्षद अजय दास ,शंकर मणि भट्ट, सुरेश चन्द्र पन्त,विशाल शर्मा, अमन सेमवाल,वेदान्त जुयाल, हन्नी बलोनी,रोहित थपलियाल,मोहित चमोली, शिवम भट्ट आदि उपस्थित रहे।


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