25 मई से आरंभ होने जा रही सिखों के धाम श्री हेमकुंड साहिब यात्रा के पहले जत्थे को प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री , विधानसभा अध्यक्ष ने किया रवाना, अभी तक 60 हजार श्रद्धालुओं ने कराए श्री हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए पंजीकरण  यात्रा के मुख्य पड़ाव गोविंद घाट पर जल्द होगा स्थाई ब्रिज का निर्माण: पुष्कर सिंह धामी 


ऋषिकेश 22 मई‌‌ । आगामी 25 मई से प्रारंभ होने वाली विश्व विख्यात सिखों के धाम श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा के पहले जत्थे को प्रदेश के राज्यपाल पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी,  गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा, क्षेत्रीय विधायक  प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट , नगर निगम महापौर  शंभू पासवान, नगर पालिका मुनि की रेती अध्यक्ष नीलम बिजलवान, परमार्थ निकेतन से स्वामी चिदानंद मुनि, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी , जगद्गुरु देवाचार्य स्वामी दयाराम दास महाराज, स्वामी गोपालाचार्य, पूर्व मेयर अनीता ममगाईं, संजय शास्त्री आदि ने हेमकुंड साहिब के लिए बोले सो निहाल, सत श्री अकाल के उद्घोष के साथ रवाना किया।

गुरुवार को ऋषिकेश लक्ष्मण झूला मार्ग पर स्थित हेमकुंड गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पहले सभी मुख्य अतिथियों ने शब्दवाणी में प्रतिभाग किया।इस दौरान प्रदेश के राज्यपाल पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि सिख समाज का इतिहास बड़ा ही क्रांतिकारी रहा है, हेमकुंड साहिब की यात्रा का अपना अलग महत्व है, जहां गुरु गोविंद सिंह ने कई वर्षों तक तपस्या की है, इसके बाद यह पवित्र स्थान बन गया। जिसके बनाने के लिए कई महान हस्तियों ने काफी मेहनत की है। 

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सोच मानवता को आगे ले जाने की रही है, जिसके चलते आज यात्रा को सुगम बनाने में काफी सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि आज भारत की सीमाओं पर भी उन्हीं की सोच के कारण सेना का मनोबल बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सिख समाज के पंच प्यारे और निशान साहिब भारत में सिख समाज की मानवता का नेतृत्व भी करते हैं, जिनके माध्यम से एक एक व्यक्ति को सवा लाख का दर्जा उपलब्ध है। यह यात्रा मनुष्य के जीवन को तारने की यात्रा है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का प्रयास है, कि हेमकुंड जाने वाले किसी भी श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का यात्रा के दौरान सामना न करना पड़े, उन्होंने कहा कि विगत 30 अप्रैल से चार धाम यात्रा प्रारंभ हो गई है। उन्होंने कहा किइस बार सरकार के सामने चुनौती है ।कि यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जाए, उन्होंने कहा कि उन्होंने यात्रियों से अपील की है, कि वह मौसम का हाल जानने के बाद ही अपनी यात्रा की शुरुआत करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी भी यात्री को यात्रा के दौरान परेशानी होगी, तो उन्हें ऐसा लगता है कि यह उनके मुख्य सेवक को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि हेमकुंड साहिब की यात्रा भी काफी कष्टदायक है, उसके बावजूद सरकार यात्रा को सुगम बनाने के लिए अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने हेमकुंड साहिब की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद अर्पित किया ,जिनके माध्यम से गोविंदघाट से हेमकुंड तक रोपवे के निर्माण की  मंजूरी मिली है। जो कि बहुत जल्द ही अपना स्वरूप लेगा।  जिसके माध्यम से बुजुर्ग भी आसानी से यात्रा कर सकेंगे। 

उन्होंने कहा कि 25 मई को 7 से 8 हजार श्रद्धालु गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब में मथा टेकेंगे। 25 मई को ही हेमकुंड साहिब के पास ही लक्ष्मण मंदिर भी है जो श्रद्धालुओं के लिए खुलने जा रहा है। जिसके चलते श्रद्धालुओं की यह यात्रा धार्मिक यात्रा ही नहीं बल्कि उत्तराखंड राज्य की सांस्कृतिक यात्रा है। यह यात्रा कठिन होने के बावजूद श्रद्धालुओं के द्वारा इस यात्रा को बहुत ही सहज रूप से पूरी कर ली जाती है। 

उन्होंने बताया कि इस यात्रा के मुख्य पड़ाव गोविंद घाट में बेली ब्रिज का निर्माण हो चुका है। बहुत ही जल्द वहां स्थाई ब्रिज का निर्माण होगा। जिसकी डी पी आर बन चुकी है।

यात्रा के मुख्य पड़ावो पर यात्रियों की सुविधा के लिए पेयजल चकित्सा और ऊर्जा की व्यवस्था की गई है। हेमकुंड यात्रा के लिए अभी तक 60 हजार यात्रियों पंजीकरण करा चुके है।

जबकि चार धाम यात्रा के लिए अभी तक 30 लाख यात्रियों ने अपने पंजीकरण कराए है।

उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि यात्रा के दौरान यात्रा स्थानों को प्लास्टिक मुक्त करते हुए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। 

उन्होंने यह भी बताया कि 350 वी शहीदी दिवस को पूरे राज्य में मनाया जाएगा।

इस अवसर पर उन्होंने सभी यात्रियों को अपनी शुभकामनाएं भी दी।


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