ऋषिकेश , 11 जुलाई । तीर्थ नगरी ऋषिकेश के तमाम आश्रमों में देश विदेश से आए लाखों की संख्या में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने गुरुओं की पूजा अर्चना कर जहां गुरु मंत्र लिया, वही जीवन में सुख समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त किया। गुरुवार की सुबह से ही भक्तों द्वारा अपने गुरु की पूजा अर्चना प्रारंभ कर दी गई थी।
इस दौरान ब्रह्मपुरी स्थित राम तपस्थली आश्रम केेे द्वाराचार्य जगतगुरु स्वामी दयाराम दास योगानंदाचार्य महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए गुरु और शिष्य के बीच के संबंध को समझाते हुए कहा किगुरु ही ब्रह्मा, गुरु ही विष्णु, गुरु ही शिव और गुरु ही परमब्रह्म है; ऐसे गुरुदेव को हमेशा याद रखें । अखण्ड मण्डलरूप इस चराचर जगत में व्याप्त परमात्मा के चरणकमलों का दर्शन जो कराते हैं; ऐसे गुरुदेव को नमस्कार है। उन्होंने कहा कि
ध्यानमूलं गुरोर्मूर्ति: पूजामूलं गुरो: पदम्। मंत्रमूलं गुरोर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरो: कृपा।।
अर्थात्–गुरुमूर्ति का ध्यान ही सब ध्यानों का मूल है, गुरु के चरणकमल की पूजा ही सब पूजाओं का मूल है, गुरुवाक्य ही सब मन्त्रों का मूल है और गुरु की कृपा ही मुक्ति प्राप्त करने का प्रधान साधन है।
‘गुरु’ शब्द का अभिप्राय
जो अज्ञान के अंधकार से बंद मनुष्य के नेत्रों को ज्ञानरूपी सलाई से खोल देता है, वह गुरु है।जो शिष्य के कानों में ज्ञानरूपी अमृत का सिंचन करता है, वह गुरु है।जो शिष्य को धर्म, नीति आदि का ज्ञान कराए, वह गुरु है।जो शिष्य को वेद आदि शास्त्रों के रहस्य को समझाए, वह गुरु है। उन्होंने गुरु पूजा के बारे में बताया कि गुरुपूजा का अर्थ किसी व्यक्ति का पूजन या आदर नहीं है वरन् उस गुरु की देह में स्थित ज्ञान का आदर है, ब्रह्मज्ञान का पूजन है।
शंकराचार्य समाधि संस्थान दंडीबाड़ा जनार्दन आश्रम में भी गुरु पर्व बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया । प्रातः कालीन पूजनोपरांत पूज्य गुरुदेव ज्योतिष्पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी महाराज का समाधि एवं चरणपादुका पूजन उपरांत समस्त आश्रम परिवार ने पूज्य स्वामी केशवस्वरूप ब्रह्मचारी जी के सानिध्य में गुरु पूजन किया गया
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह सद्गुरु के पूजन का पर्व है, इसलिए इसे गुरुपूर्णिमा कहते हैं। जिन ऋषियों-गुरुओं ने इस संसार को इतना ज्ञान दिया, उनके प्रति कृतज्ञता दिखाने का, ऋषिऋण चुकाने का और उनका आशीर्वाद पाने का पर्व ही गुरु पूर्णिमा है।















Leave a Reply