ऋषिकेश 11 जुलाई। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 2 लाख दुर्घटनाएँ होती हैं। जिसमें 1.70 लाख से अधिक व्यक्ति अपनी जान गंवाते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी सड़क दुर्घटना के एक घण्टे का समय, जिसे गोल्डन ऑवर परिभाषित किया गया है। के दौरान पीड़ित व्यक्ति को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराकर पीड़ित की जान बचाई जा सकती है। इसी क्रम में भारत सरकार द्वारा दुर्घटना पीड़ित को त्वरित आपातकालीन सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु आमजनों को प्रेरित किये जाने के उददेश्य से मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा-134 ‘ए’ के अन्तर्गत गुड़ सेमेरिटन अर्थात नेक व्यक्ति को परिभाषित किया गया है। जिसे भारत सरकार द्वारा वर्तमान में राहवीर योजना नामक शीर्षक दिया गया है। जिसके अन्तर्गत सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वाले राहगीरों को सम्मानित करने और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वाले नागरिकों को 25000 रुपये का प्रोत्साहन पुरस्कार दिया जाना निर्धारित किया गया है।
इसी क्रम में गत वर्ष 2024 को चीला पॉवर हाउस के पास वन विभाग में ट्रायल के लिए लाए गए एक इलेक्ट्रिक वाहन का टायर फटने से गंभीर हादसा हो गया था। इस दुर्घटना में चार वन अधिकारी और एक महावत की मृत्यु, जबकि पांच वन कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये थे।
नरेश पाल, टैक्सी चालक, निवासी चीला बैराज, ऋषिकेश जो कि घटना के समय हरिद्वार से ऋषिकेश की ओर अपनी टैक्सी से आ रहे थे, के द्वारा मानवता का परिचय देते हुऐ स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को खाई से बाहर निकाला तथा 108 सेवा एवं अन्य रेस्क्यू वाहनों की मदद से उन्हें तत्काल अस्पताल पहुँचाया। जिस कारण घायलों को समय से इलाज मिलने पर उनकी जान बच सकी। इस दुर्घटना की विभिन्न जांच के उपरांत नरेश पाल को घायलों की मदद किये जाने के कम में राहवीर योजना के तहत पुरस्कृत किये जाने हेतु नामित किया गया है।
इसी क्रम में नरेश पाल को पुरस्कृत किये जाने के उददेश्य से उप संभागीय परिवहन कार्यालय, ऋषिकेश में शुक्रवार को एक सड़क सुरक्षा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संयुक्त परिवहन आयुक्त महोदय, उत्तराखण्ड, विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्भागीय परिवहन अधिकारी महोदय (प्रशासन), सम्भागीय परिवहन अधिकारी महोदय (प्रवर्तन), देहरादून, सहायक निदेशक, सडक सुरक्षा, मुख्यालय एंव राहवीर योजना के अन्तर्गत चिन्हित श्री नरेश पाल इत्यादि मौजूद रहे।
चूंकि पूर्व में राहवीर योजना हेतु रू0 21000 धनराशि निर्धारित की गई थी। फलतः कार्यक्रम में राहवीर योजना के अन्तर्गत नरेश पाल को रू0 21000 की धनराशि, प्रतीक चिन्ह तथा हैलमेट भी उपहार स्वरूप भेंट किया गया।
उक्त के अतिरिक्त इस कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा सवाद के अन्तर्गत स्थानीय शिक्षण संस्थानों यथा एनडीएस स्कूल, फुटहिल्स एकेडमी, केवीएस स्कूल एंव सरस्वती विधा मंदिर के 40 छात्र/छात्राओं द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम के दौरान छात्र/छात्राओं से सडक सुरक्षा सम्बन्धी विषयों पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें उत्तीर्ण छात्र/छात्राओं को विभाग की ओर से प्रशस्ति पत्र एवं स्कूल बैग वितरित किये गये। इसके अतिरिक्त अन्य सभी छात्र/छात्राओं को भी प्रशस्ति पत्र वितरित किये गये।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वारा उपस्थित सभी प्रतिभागियों को सड़क सुरक्षा सम्बन्धी विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया गया साथ ही सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की सहायता करने हेतु भी प्रेरित किया गया। अन्य उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा भी प्रतिभागियों को सडक सुरक्षा एंव राहवीर योजना की महता से अवगत कराया गया। कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् सयुक्त परिवहन आयुक्त, उत्तराखण्ड एंव अन्य उच्चाधिकारियों द्वारा कार्यालय परिसर में नवनिर्मित ऑटोमेटिड ड्राईविंग टेस्ट ट्रैक एवं ऑटोमेटिड टेस्टिंग लेन का भी स्थलीय निरीक्षण किया गया।
इस कार्यक्रम में सनत कुमार सिंह, संयुक्त परिवहन आयुक्त उत्तराखण्ड, डॉ० अनीता चमोला, सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) देहरादून, संदीप सैनी, सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) देहरादून, रावत सिंह, सहा० सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) ऋषिकेश, रश्मि पंत, सहा० सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) ऋषिकेश, नरेश संगल, सहायक निदेशक, सडक सुरक्षा, अनिल कुमार, परिवहन कर अधिकारी ऋषिकेश, प्रदीप सिंह रौथाण, सम्भागीय निरीक्षक (प्राविधिक) ऋषिकेश, विपिन रावत, नवनियुक्त सम्भागीय निरीक्षक (प्राविधिक) ऋषिकेश, दीपक पाण्डेय, वरिष्ठ सहायक ऋषिकेश आदि मौजूद थे।
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