जगद्गुरु योगानंदाचार्य स्वामी दयाराम दास देवाचार्य महाराज के मार्गदर्शन में हरेला पर्व पर श्रद्धालुओं ने रामतपस्थली आश्रम में रोपे विभिन्न प्रजाति के औषधीय पौधे 


ऋषिकेश 15 जुलाई।  उत्तराखंड के प्रमुख लोक पर्व हरेला पर्व पर जनपद टिहरी गढ़वाल के ब्रह्मपुरी स्थित श्री रामतपस्थली आश्रम परिसर में जगद्गुरु योगानंदाचार्य स्वामी दयाराम दास देवाचार्य महाराज के मार्गदर्शन में श्रद्धालुओं ने विभिन्न प्रजाति के औषधीय पादप रोपकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की।

तपोवन ब्रह्मपुरी स्थित राम तपस्थली में हरेला पर्व के अवसर पर जगद्गुरु योगानंदाचार्य स्वामी दयाराम दास देवाचार्य महाराज ने कहा कि जिस प्रकार शरीर को पोषण के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़-पौधों की आवश्यकता होती है। पेड़-पौधे पर्यावरण की अशुद्धियों को सोख लेते हैं। हमें शुद्ध वायु देते हैं। इसकी निरंतरता बनाए रखने के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए। पेड़-पौधे लगाने के बाद उनका संरक्षण करना भी बहुत अनिवार्य है। कहा कि पेड़-पौधे हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इनसे पृथ्वी पर ऋतु चक्र बना रहता है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ पौधा अर्पण करने से हमारी जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती। बल्कि जब तक यह पौधा परिपक्व नहीं हो जाता इसके संरक्षण की जिम्मेदारी भी हमें उठानी होगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड में विकास के चलते पर्यावरण प्रभावित हो रहा है, उसे देखते हुए प्रत्येक परियोजनाओं को शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि कितनी संख्या में पेड़ काटे जाने हैं और उसे चार गुनी संख्या में हमें पौधारोपण करना है।


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