15 जुलाई। करोड़ों की एमडीएमए ड्रग फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ ने मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर लिया। मामले में लिप्त 5 आरोपी पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुके है।
पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि प्रतिबंधित कैमिकल्स प्रिकर्सर से बिना वैध लाइसेंस के दवाओं को बनाकर मुंबई बेचा जा रहा था। जिस सिलसिले में मुंबई की क्राइम ब्रांच की टीम ने 31 मई को ठाणे से दो लोगों को 11 ग्राम एमडीएमए के साथ गिरफ्तार किया था। जिन्होंने बताया कि पिथौरागढ के थल क्षेत्र में मोनू गुप्ता एवं कुनाल कोहली ने एमडीएमए बनाने की फैक्ट्री लगाई है। जहॅा से ड्रग्स को तैयार कर मुम्बई समेत अलग-अलग राज्यो में सप्लाई किए जाता है।
जिस पर मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने थाना थल जनपद पिथौरागढ़ पुलिस के साथ मिलकर 26 जून को एक पॉल्ट्री फार्म पर छापा मारकर उक कैमिकल्स बरामद किया। हालांकि मौके पर कोई नहीं मिला। जिसके बाद पुलिस लगातार आरोपियों की धरपकड़ में जुटी रही और फिर पलीया नेपाल बार्डर से मोनू गुप्ता को दो साथियो भीम यादव व अमन कोहली के साथ गिरफ्तार कर लिया। लेकिन मुख्य आरोपी कुनाल कोहली अपने साथी राहुल और विक्रम के साथ नेपाल फरार हो गया था।
इसी बीच 11जुलाई को चम्पावत पुलिस ने राहुल की पत्नी ईशा को करीब 5.5 किलो एमडीएमए के साथ धे दबोचा। ईशा के पकड़ में आने के बाद पुलिस ने जल्द ही राहुल को भी चम्पावत से गिरफ्तार कर लिया गया। यह खबर लगते ही मुख्य आरोपी कुनाल कोहली चौकन्ना हो गया। लेकिन मामले पर पल पल नजर गड़ाए बैठी उत्तराखंड एसटीएफ ने जल्द ही कुनाल कोहली को नानकमत्ता क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
डीजीपी दीपम सेठ ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 44 यूनिट्स ऐसी चिन्हित की गई हैं, जो ऐसे प्रीकर्सर केमिकल्स का प्रयोग कर रही हैं जिनका उपयोग अवैध नशीले पदार्थ बनाने में हो सकता है। इन सबकी जांच की जा रही है। इनमें जो भी अवैध रूप से चल रही होंगी उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामले का पर्दाफाश करने वाली टीम को डीजीपी ने 1 लाख रुपए का ईनाम देने की घोषणा की है।















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