विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर उत्तराखंड पुलिस में वर्ष 2001 व 2002 के कॉन्स्टेबलों के वेतन विसंगति के संबंध में ध्यान आकृष्ट किया है उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण के समय से पुलिस कार्मिकों द्वारा फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में आम जनता की भरपूर मदद की जा रही है लेकिन इस निर्णय से पुलिस कार्मिकों के मनोबल पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि पुलिस बल एक अनुशासित बल है उनके द्वारा अन्य राज्य कार्मिकों की भांति अपनी पीड़ा सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं की जा सकती है।श्री अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि पुलिस कार्मिकों को 20 वर्ष की सेवा उपरांत 4600 ग्रेड पे दिए जाने हेतु पुनर्विचार कर वांछित आदेश निर्गत किये जायें।
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