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जमीन छीनने के डर से विरोध में उतरी आक्रोशित भीड़ ने ऋषिकेश हरिद्वार बायपास मार्ग सहित रेलवे ट्रैक को किया जाम,  रेलवे ट्रैक से भीड़ को हटाने गई पुलिस व प्रशासन की टीमों पर हुआ पथराव, कई पुलिसकर्मी हुए चोटिल,  8 नामजद सहित 218 लोगों पर हुए मुकदमे दर्ज,


ऋषिकेश 29 दिसबर। उच्चतम न्यायालय के द्वारा 22 दिसंबर के एक आदेश का अनुपालन करने गई वन विभाग, पुलिस व प्रशासन की टीमों द्वारा लगातार वन विभाग की वन भूमि को ऋषिकेश नगर की आबादी क्षेत्र से अतिक्रमण मुक्त करने की ताबड़तोड़ कार्रवाई से आक्रोशित भीड़ ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया गया। जिस कारण 6 ट्रेन अपने गंतव्य स्थान जाने के लिए लेट हो गई। रेलवे ट्रैक से जबरन भीड़ को हटाने के लिए पुलिस द्वारा आक्रोशित भीड़ को समझाया बुझाया भी गया और रेलवे ट्रैक पर बैठे लोगों को हटाने लगी जिसके लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। जिसपर आक्रोशित भीड़ द्वारा वन विभाग पुलिस व प्रशासन की टीमों पर पथराव शुरू कर दिया। पत्थरों की चपेट में आने से कई पुलिस कर्मी चोटिल हो गए। तो वही जमीन छीनने के डर से विरोध में उतरी आक्रोशित भीड़ ने ऋषिकेश हरिद्वार बायपास मार्ग को भी जाम कर दिया गया। जिस कारण हरिद्वार जाने और ऋषिकेश आने वाली गाड़ियों ने ऋषिकेश हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर रुख किया तो पूरे ऋषिकेश शहर की सड़कों पर कहीं घंटे तक जाम की स्थिति पैदा हो गई। 

पुलिस द्वारा ऋषिकेश हरिद्वार बायपास मार्ग को जाम करने के आरोप में 8 नामजद लोगों सहित करीब 218 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। तो वही पुलिस द्वारा रेलवे ट्रैक जाम करने वाले आरोपी सहित पथराव करने वाले उपद्रवियों की पहचान के भी प्रयास तेज कर दिए गए हैं जिनकी पहचान होते ही उन पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 वन विभाग की टीमों द्वारा ऋषिकेश आबादी क्षेत्र में वन भूमियों को चिन्हित करते हुए उनको अतिक्रमण मुक्त किया जा रहा है। जिससे उन जमीनों पर वर्षों से काबिज स्थानीय लोग वन विभाग कि इस कार्रवाई को लेकर नाराज हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग द्वारा बिना किसी नोटिस या सूचना के बिना उनकी जमीनों को अचानक अपने कब्जे में कर लेना गलत है।

बताते चलें उच्चतम न्यायालय के द्वारा 22 दिसंबर के आदेश के अनुपालन में पशु लोक सेवा समिति को पट्टे पर दी गई वन भूमि जांच के लिए शासन की ओर से 23 दिसंबर को एक समिति का गठन किया गया। जिसमें मुख्य वन संरक्षक को अध्यक्ष नामित किया गया। और एडीएम वह एसडीएम को सदस्य नामित कर 26 दिसंबर से वन कर्मियों, पुलिस व प्रशासन की टीमों द्वारा वन भूमि की तलाश के लिए सर्वे में जुट गई। और आबादी क्षेत्र में वन भूमि को चिन्हित करते हुए वन विभाग द्वारा वन भूमियों को अपने कब्जे में लिए जाने की कार्रवाई की जा रही है। जिससे वहां पर वर्षों से काबिज लोगों द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। 


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