ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंचा, पुलिस ने गंगा तट के आसपास की आबादी क्षेत्रों मैं अनाउंसमेंट कर अलर्ट रहने को कहा


ऋषिकेश 18 जून । उत्तराखंड में मानसून ने अभी प्रवेश भी नहीं किया है परंतु अभी से बारिश ने पहाड़ी इलाकों में अपने रंग दिखाना शुरू कर दिया है । उत्तराखंड की पहाड़ियों में लगातार बारिश होने की वजह से गंगा का जलस्तर भयावह रूप से बढ़ रहा है। जहां अलकनंदा और पिंडर नदियों ने उफान लेना शुरू कर दिया है वही देवप्रयाग रूद्रप्रयाग और श्रीनगर में गंगा के जलस्तर ने खतरे के निशान को पार कर दिया है। यहीं से नीचे उतरते ऋषिकेश में गंगा  जलस्तर चेतावनी के निशान तक करीब पहुंच चुका है।  शुक्रवार रात करीब 9 बजे त्रिवेणी घाट में गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ने लगा देखते ही देखते एक घंटे में जलस्तर चेतावनी के निशान तक पहुंच गया।

गंगा में भरते हुए जलस्तर को देखते हुए किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए  ऋषिकेश कोतवाली पुलिस द्वारा त्रिवेणी घाट में अनाउंसमेंट कर घाट को खाली करवाया गया। ऋषिकेश त्रिवेणी घाट के खुले प्लेटफार्म पर काफी मात्रा में भिक्षा मांगने वाले सोते हैं जिन्हें पुलिस प्रशासन द्वारा खाली करा दिया गया है और उनके लिए उचित धर्मशाला में सोने की व्यवस्था करा दी गई है।

केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी देवेंद्र शर्मा ने कहा कि 339.50 पर चेतावनी का निशान होता है और 340. 50 पर खतरे का निशान होता है। जबकि अभी गंगा का जलस्तर 339. 20 पर है और लगातार बढ़ रहा है। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे ही रहेगा। उन्होंने कहा कि आमतौर पर गंगा का जल स्तर 337.50 पर रहता है

 


यहां पर त्रिवेणी घाट चौकी इंचार्ज उत्तम रमोला केेे अनुसार त्रिवेणी घाट  पर सोनेे वाले सभी लोगो को हटाकर  उचित स्थान पर पहुंचा दिया गया है साथ ही पुलिस प्रशासन द्वारा द्वारा चंद्रेशनगर और माइक उनकेे सभी संवेदनशील स्थान जोकि गंगा किनारे रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान जाने के लिए कहा गया। पुलिस ने सभी लोगों से अपील की है कि वे गंगा किनारे ना जाए।

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