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ऋषिकेश : चरस तस्करी में आरोपित को तीन वर्ष का कारावास


ऋषिकेश, 12 दिसंबर। विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट ऋषिकेश ने चरस तस्करी के आरोप में एक व्यक्ति को तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा दस हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

न्यायालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 14 सितंबर 2013 को ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने वाहनों की चेकिंग के दौरान देहरादून मार्ग दुर्गा मंदिर के समीप एक कार को तलाशी के लिए रोका। पुलिस को देखकर कार चालक उतरकर भागने लगा। जिसे पुलिस ने घेराबंदी कर धर दबोचा। पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली तो उसके पास से 300 ग्राम चरस तथा 96 पव्वे देसी जाफरान के बरामद किए गए थे। आरोपी ने अपना नाम संजय उर्फ लंगड़ा उर्फ विकास पुत्र वीरपाल निवासी सैदपुर थाना बीबीनगर बुलंदशहर उत्तर प्रदेश तथा हाल निवासी जीवन वाला डोईवाला देहरादून बताया था।

पुलिस ने आरोपित के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट तथा संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना में चार्जसीट के बाद यह मामला विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट ऋषिकेश में धर्म सिंह की अदालत में विचाराधीन था।

शुक्रवार को इस मामले में विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट धर्म सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपित संजय उर्फ लंगड़ा उर्फ विकास को दोषी पाया।

अदालत ने आरोपित को स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थ अधिनियम- 1985 के तहत तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा दस हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।


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