ऋषिकेश,0 4 जनवरी ।वेद निकेतन के महामंडलेश्वर स्वामी विजयानंद सरस्वती ने उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ की सरकार के धर्म संसद को लेकर संतों पर कर्ज किए गए मुकदमों की तीव्र निंदा करते हुए एक तरफा कार्रवाई बताते हुए कहां की संत झूठे मुकदमों से नहीं डरेंगे ।
उन्होंने पत्रकारों से मंगलवार को बातचीत करते हुए कहा कि जब गैर हिंदू भारत में जनसभाएं कर हिंदुओं के विरोध में खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन पर सरकारें कार्रवाई नहीं कर रही है ।जबकि हिंदू धर्म को बचाने के लिए सनातनी संत हिंदुओं को अपने हकहकूकों जिन पर जबरन कब्जा किया गया है। उनके प्रति जागृत किए जाने के लिए धर्म सभाएं आयोजित कर धर्म सम्भाव की बात कह रहे हैं, तो सरकारें संतो पर झुठे मुकदमा ठोक कर उनका उत्पीड़न कर रही है ।
उन्होंने कहा कि सरकारों द्वारा संतों पर किए गए मुकदमे पूरी तरह निरर्थक है ।उन्होंने कहा कि यदि हिंदू समाज अपने हकूको की मांग भारत में नहीं करेगा तो क्या उसे अन्य देश का सहारा लेना पड़ेगा ।विजया नंद सरस्वती ने कहा कि आज भारत में हिंदू बहुसंख्यक होते हुए भी अल्पसंख्यक की परिधि में आ गया है ।जबकि 8% से बढ़कर गैर हिंदू 30% पहुंच गए हैं ,जो कि भारत की सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा संतों पर किए गए धर्म संसद को लेकर मुकदमों के विरोध में प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन भी देंगे।
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