CBSE बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा 31 जुलाई तक रिजल्ट जारी करेंगे, जो स्टूडेंट संतुष्ट नहीं, उनके लिए अलग एग्जाम का ऑप्शन भी



12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने को लेकर बनी 13 सदस्यीय कमेटी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी

नई दिल्ली 17जून । CBSE बोर्ड की 12वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार करने को लेकर बनी 13 सदस्यीय कमेटी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इसमें बोर्ड ने रिजल्ट जारी करने के फॉर्मूले के बारे में बताया है। बोर्ड के मसौदे के मुताबिक, 10वीं, 11वीं और 12वीं के प्री-बोर्ड के परिणाम को फाइनल रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा। अगर सब कुछ सही रहा, तो 31 जुलाई तक रिजल्ट जारी कर दिए जाएंगे।

12वीं की मार्कशीट तैयार करने की डिटेल देते हुए CBSE ने कहा कि 10वीं के 5 सब्जेक्ट में से जिन 3 में छात्र ने सबसे ज्यादा स्कोर किया होगा, उन्हीं को रिजल्ट तैयार करने के लिए चुना जाएगा। इसी तरह 11वीं के पांचों विषयों का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं कक्षा के यूनिट, टर्म और प्रैक्टिकल में प्राप्त अंकों को रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा।

बोर्ड ने बताया कि 10वीं और 11वीं के नंबर को 30-30% और 12वीं के नंबर को 40% वेटेज दिया जाएगा। जो बच्चे परीक्षा देना चाहते हैं, उनके लिए हालात सामान्य होने पर अलग परीक्षा की व्यवस्था की जाएगी। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया कि 1929 से CBSE अपनी सेवाएं दे रही है। इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। इस फॉर्मूले को हमने एक्सपर्ट्स कमेटी के साथ डिजाइन किया है। 10वीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम और सब्जेक्ट 11वीं और 12वीं से अलग होते हैं, इसलिए हमने पिछले 3 साल 10वीं, 11वीं और 12वीं को आधार बनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘CBSE और ICSE दोनों बोर्ड ने कहा है कि परिणाम घोषित करने के फॉर्मूले के साथ वैकल्पिक परीक्षाओं का समय भी बताया जाएगा। यदि एडवोकेट विकास सिंह कोई सुझाव देते हैं, तो उन पर विचार किया जा सकता है। दोनों बोर्ड स्कीम लागू करने के लिए स्वतंत्र हैं। सुनवाई की अगली तारीख पर वे हमें इस बारे में बताएं।’ यह कहते हुए कोर्ट ने सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी।

उत्तराखंड के फ्लाईओवर खड्ढों-गड्ढों में तब्दील होने पर भरभरा कर गिर रहे: “आप” और “कांग्रेस” पार्टी ने की जांच की मांग



ऋषिकेश 17 जून । राजधानी देहरादून के डोईवाला क्षेत्र में देर रात एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। डोईवाला थानो रोड पर बना पुल का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया। पुल के गिरने से रात भर आवाजाही बंद रही। इस हादसे में साइकिल सवार एक युवक घायल हो गया। वहीं, घटना में तीन बच्चे दबने से बाल-बाल बच गए। बच्चों को मामूली चोटें आई हैं।

मानसून की दस्तक के साथ ही उत्तराखंड सरकार के सड़कों के बिछाए जाल के दावों की पोल खुलनी शुरू हो गई है।पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र स्थित बड़ासी थानों पुल की सड़क जहां अपने शैशव काल में ही भरभरा के ढह गया वहीं ऋषिकेश हरिद्वार मार्ग पर नेपाली फार्म हाईवे के निर्माण के चंद माह के भीतर ही उभर के आये गहरे गहरे गड्ढे विकास के नाम पर अधिकारियों के लाखों के बंदरबाट की कहानियां साफ बंया कर रहे हैं।

बड़ासी थानों घटना के बाद से ही लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दें कि, जब से यह फ्लाईओवर बना है तभी से विवादों में घिरा है। कई बार स्थानीय लोग फ्लाईओवर को लेकर मुखर दिखे।

प्रदेश की सड़कों एवं फ्लाईओवर के निर्माण में घालमेल का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश के पूर्व सीएम के विधानसभा क्षेत्र में करीब तीन वर्ष पूर्व निर्मित पुल की सड़क ढही है उससे साबित हुई है कि उसके निर्माण में गुणवत्ता को तांक पर रखकर निर्माण कार्य सम्पन्न कराया गया था।

आम आदमी पार्टी के नेता डॉ नेगी ने कहा कि नेपाली फार्म फलाईओवर की स्थिति भी कुछ जुदा नही है।कुछ माह पहले ही बनाया गया फ्लाईओवर खड्ढों-गड्ढों में तब्दील होता जा रहा है। फ्लाईओवर के ऊपर बिछाई गई सड़क तो उखड़ ही रही है, साथ ही में वहां गहरे खड्डे भी बन गए हैं। हालात यह है कि तेजी से आने वाले फ्लाईओवर के ऊपर पड़े गड्ढों में बड़े खतरनाक तरीके से अपना संतुलन खो रहे हैं। वाहनों को एकाएक इन गड्ढों से बचने के लिए ब्रेक लगानी पड़ती है और पीछे से आ रहा ट्रैफिक आपस में टकराने के बिल्कुल करीब होता है। उन्होंने फ्लाई ओवर के निर्माण में हुई घोर अनियमितता की उच्चस्तरीय जांंच कराकर दोषियों के खिलाफ कारवाई की मांंग की है।

बता दें कि, जब से  डोईवाला थानो रोड पर फ्लाईओवर बना है तभी से विवादों में घिरा है। कई बार स्थानीय लोग फ्लाईओवर को लेकर मुखर दिखे।  डोईवाला के बड़ासी थानों फ्लाईओवर का एक हिस्सा नीचे गिर जाने पर ग्रामीण महिपाल सिंह ने बताया कि मार्ग को दुरुस्त करने के लिए दो मशीनें लगाई गई हैं। ग्राम प्रधान नितिन रावत ने बताया कि पुल के एक हिस्से के गिरने से कोई जनहानि नहीं हुई है। मार्ग को बंद रखा गया है। मलबा हटाने में समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि पुल के बनते समय ही ग्रामीणों ने घटिया कार्य को लेकर विरोध किया था, लेकिन ग्रामीणों की आवाज को अनसुना कर दिया गया।

इसी कड़ी में डोईवाला- बड़ासी पुल के पुस्ते ढहने व गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए आज कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने डोईवाला कार्यकारी बलॉक अध्यक्ष रणजीत सिंह (बॉबी) के नेतृत्व में  उप जिलाधिकारी डोईवाला को बड़ासी गांव को जाने वाला पुल जो मात्र दो साल में ही ढह गया इसकी जल्द जांच एवं सम्बन्धित ठेकेदार, अधिकारी पर कार्यवाही के लिए ज्ञापन दिया।

पुलिस ने ऋषिकेश के 2 दर्जन से अधिक हिस्ट्रीशीटरों की परेड करवा कर, कोतवाली में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाए जाने के दिए आवश्यक दिशा निर्देश



ऋषिकेश, 17 जून  । ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्र में निवास कर रहे ,अपराधों में संलिप्त दो दर्जन से अधिक हिस्ट्रीशीटरों को पुलिस ने कोतवाली में बुलाकर उनके वर्तमान पते व मोबाइल को सत्यापित किए जाने के साथ समय-समय पर पुलिस को अपनी जानकारी दिए जाने के दिशा निर्देश दिए।

गुरुवार को ऋषिकेश पुलिस क्षेत्राधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह व कोतवाली प्रभारी शिशुपाल सिंह नेगी ने ऋषिकेश व आसपास के क्षेत्रों में 2 दर्जन से अधिक हिस्ट्रीशीटरो को थाना ऋषिकेश में बुलाकर परेड करवा कर आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए उन सभी का नाम पता सत्यापित करते हुए मोबाइल नंबर चेक किए गए।

साथ ही उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों के विषय में पूछताछ कर जानकारी जुटाई जाने के बाद उन्हें बताया कि वह समय-समय पर चीता मोबाइल एवं बीट कर्मचारी गणों को हिस्ट्रीशीटर द्वारा बताए गए कार्यो का सत्यापन करवाते. रहें।

इसके अतिरिक्त उच्च अधिकारियों ने उनसे अपेक्षा व्यक्ति है कि वह किसी भी अपराध को ना करने व कोई जानकारी होने पर कोतवाली ऋषिकेश को अवगत कराने के संबंध में बतायेगें।

इस कोतवाली में कराई गई परेड में 27 हिस्ट्रीशीटर का सत्यापन किया गया। हिस्ट्रीशीटर रजिस्टर में सभी का विवरण चेक कर विवरण अंकित किया गया। किसी के साथ में यह भी बताया गया कि अब पुलिस द्वारा समय-समय पर हिस्ट्रीशीटर की परेड ली जाएगी।

 

कांग्रेस ने तहसील के गोदामों में गरीबों को बंटने वाली राहत सामग्री के सड़नें की जांच कराए जाने को लेकर जिलाधिकारी के नाम दिया ज्ञापन



ऋषिकेश,17जून  । कांग्रेस ने आपदा व कोरोना संक्रमण काल के दौरान जिला प्रशासन द्वारा ऋषिकेश के नागरिकों की सहायता लिए बांंटी जाने वाली राहत सामग्री के तहसील में प्रदर्शन कर जिला स्तर पर जांच कराए जाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के नाम एक ज्ञापन दिया।

।गुरुवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला खेत में दिए गए ज्ञापन में रमोला ने कहा कि कोरोना में लॉक डाउन को लेकर पिछले वर्ष व इस वर्ष भी ज़रूरतमंद लोगो के लिये सरकार द्वारा राशन ऋषिकेश तहसील में स्टोर करवाया गया था। परन्तु दो दिन पूर्व जानकारी प्राप्त हुई ,कि ऋषिकेश तहसील के स्टोर में राशन ज़रूरतमंदों को ना देकर वहीं रखा गया जो कि सड़ गया है। ऐसे में कहीं ना कहीं प्रशासन की असंवेदनशीलता व लापरवाही नजर आती है। जिसका कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध करते हैं और इस प्रकरण की जाँच ज़िला स्तर पर उच्चाधिकारियों से कराये जाने की माँग करते हैं ।क्योंकि यह तहसील ऋषिकेश का ही मामला है ।इसलिये इस प्रकरण की जाँच तहसील स्तर से ना करवाकर ज़िला स्तर से करवाई जानी चाहिये ।

पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने कहा कि यह प्रशासन स्तर पर बड़ी लापरवाही है ।जिसमें सत्ता पक्ष के लोगों की मिलीभगत है। इसलिये उच्च अधिकारी से जाँच करवाना न्यायोचित होगा। ताकि दोषियों का पर्दाफ़ाश हो और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा सके । इस दौरान उपजिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि वह स्वयं इसकी उच्चस्तरीय जाँच के लिये आगे कार्यवाही को लिखूँगा ।

ज्ञापन देने वालों में प्रदेश सचिव मदन मोहन शर्मा, पार्षद राकेश सिंह, पार्षद जगत सिंह नेगी, एडवोकेट पुष्कर बंगवाल, पूर्व प्रधान वेद प्रकाश शर्मा, पूर्व प्रधान जयेन्द्र पाल सिंह रावत, राजकुमार तलवार, पूर्व ज़िला पंचायत सदस्य विजय सिंह राणा, सेवादल नगर अध्यक्ष रामकुमार भतालिये, एडवोकेट अभिनव मलिक, विक्रम भण्डारी, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सुमित त्यागी, पुरंजय राजभर, गौरव यादव, इमरान सैफी, अमित कश्यप, विजेन्द्र सिंह, प्यारेलाल जुगरान आदि उपस्थित थे ।

देहरादून पुलिस ने नाबालिग से गैंगरेप के फरार आरोपी को किया गिरफ्तार



देहरादून 16 जून । गैंगरेप के आरोप में विगत दो माह से फरार आरोपी तेजवीर को  देहरादून पुलिस ने बीते सोमवार को मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया।आरोपी पर नाबालिग से बलात्कार के आरोप में पोक्सो एक्ट के तहत क्लेमनटाउन थाने में मामला दर्ज है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अभियुक्त तेजवीर निवासी ग्राम पिटवाई जिला रामपुर उ प्र का रहने वाला है जिस पर नाबालिग से बलात्कार के मामले में धारा 31/21धारा 342,376d,120b आईं पी सी व3/4,16/17 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज है।  तेजवीर पिछले दो माह से पुलिस को चकमा दे रहा था।शातिर अभियुक्त तेजवीर लगातार पुलिस से बचने के लिए अपना ठिकाना बदलता रहता था।

पुलिस के साथ इस लुकाछिपी के खेल को समाप्त करते हुए और मामले की गंभीरता को देखते हुए एस एस पी डॉ योगेन्द्र रावत के निर्देश पर एस पी सिटी सरिता डोभाल व क्षेत्राधिकारी की देखरेख में थानाध्यक्ष क्लेमनटाउन ने एक टीम का गठन किया।

जिसे अभियुक्त के सटीक ठिकाने की खोज में लगा दिया। जिस पर वीर की सूचना पर अभियुक्त की सही लोकेशन मिलते ही  छापा डाला जिसमे अभियुक्त तेजवीर मुरादाबाद, उप्र से पुलिस के हत्थे चढ़ गया। जिसे पुलिस टीम अपने साथ देहरादून लेकर आ गई।

पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त तेजवीर  निवासी ग्राम पटवाई जिला रामपुर उप्र  से इतनी जानकारी जुटाई जा रही है जिसके बाद अभियुक्त को माननीय न्यायालय में पेश करेगी ।

टिहरी पुलिस द्वारा शराब तस्कर16 लाख रुपए कीमत की 160 पेटी के साथ 24 घंटे के अंदर किया गिरफ्तार



नई टिहरी 16जून ।टिहरी पुलिस द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट के निर्देशन में चलाई जा रही नशे के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए 16 लाख रुपए कीमत की 160 अवैध अंग्रेजी शराब की पेटी पिकअप वाहन साहित  तस्करी करते हुए बरामद की थी ।

जिसमें  पुलिस द्वारा गाड़ी को  रोकने के दौरान उसमें बैठे शराब तस्कर गाड़ी से कूदकर फरार हो गए थे ,इसके पश्चात उक्त वाहन की चेकिंग करने पर पुलिस टीम को गाड़ी के अंदर से किसी एक तस्कर का कार ड्राइविंग लाइसेंस मिला था ,जिसके आधार पर आरोपी के खिलाफ थाना घनसाली में आबकारी अधिनियम के अंतर्गत नामजद मुकदमा पंजीकृत किया गया था।

उपरोक्त घटनाक्रम को देते हुए थाना घनसाली मैं एक पुलिस टीम गठित की गई जिसको शराब तस्कर के गिरफ्तारी और तलाश हेतू  लगा दिया गया था ।

जिसमें पुलिस द्वारा लगातार  तस्कर के  ड्राइविंग लाइसेंस के पते के आधार पर लगातार उसके घर पर दबिश दी जा रही थी इसी कड़ी में पुलिस टीम को मुखबिर की सूचना पर घनसाली टिहरी के रास्ते में घोटी पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार अभियुक्त से अन्य तस्कर के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है तत्पश्चात कानूनी कार्रवाई के पश्चात  अभियुक्त को कल माननीय न्यायालय नई टिहरी के समक्ष पेश किया जाएगा।

ऋषिकेश से नीलकंठ तक बनने वाले रोपवे की अधिकारियों ने कवायद शुरू की



ऋषिकेश, 16 जून । वर्ष 2024 तक यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो नीलकंठ की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सुविधार्थ ऋषिकेश से नीलकंठ पार्वती मंदिर तक कावड़िए रोपवे के माध्यम से नीलकंठ में जलाभिषेक कर सकेंगे।

जिस की कवायद रेल एवं रोपवे कारपोरेशन के साथ स्थानीय प्रशासन ने प्रारंभ कर दी है। नगर निगम के मुख्य आयुक्त नरेंद्र सिंह क्यूरियाल ने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा ऋषिकेश से नीलकंठ तक पर्यटन विभाग को रोपवे बनाए जाने की स्वीकृति दे दी है ।जिसके चलते बुधवार को प्रशासन की टीम ने कारपोरेशन के अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया ।

क्यूराल ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि ऋषिकेश से नीलकंठ तक 4 चार स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा ।जिसके अंतर्गत पहला स्टेशन संयुक्त रोटेशन बस अड्डे पर बनेगा, इसी के साथ त्रिवेणी घाट पर नीलकंठ जाने वाले यात्रियों को गंगा दर्शन कराए जाएंगे। उसके पश्चात तीसरा स्टेशन नीलकंठ में तथा अंतिम चौथा स्टेशन नीलकंठ से आगे पार्वती मंदिर में बनाया जाएगा।

जिसकी लंबाई लगभग 6:30 किलोमीटर होगी। यह कार्य वर्ष 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस कार्य को इंडियन पोर्ट रेल एवं रोपवे कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा । जिसकी शासन स्तर पर भी पूर्व में कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। जिसके बाद इसे स्वीकृति दे दी गई है। जिसका बजट भी स्वीकृत हो चुका है ।उन्होंने बताया कि यह कार्य उत्तराखंड पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने के लिए किया जा रहा है ।

इस रोपवे के बनने से नीलकंठ जाने वाले कांवरियों के साथ स्थानीय नागरिकों को भी काफी सुविधाएं मिलेगी। साथ ही पर्यटन विभाग का राजस्व भी बढ़ेगा ।निरीक्षण के दौरान ऋषिकेश के उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ,ऋषिकेश नगर निगम के मुख्य आयुक्त नरेंद्र सिंह क्यूरियाल, परियोजना के डीजीएम सिविल जयनंद, असिस्टेंट मैनेजर जगमोहन, नगर निगम के सफाई निरीक्षक सचिन रावत, राजस्व उपनिरीक्षक सतीश जोशी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

ऋषिकेश और मसूरी में पर्यटकों की जबरदस्त भीड़ के आगे पुलिस महकमे की तमाम व्यवस्थाएं हुई धराशायी



ऋषिकेश 16 जून । उत्तराखंड में वीरवार को होने वाले छुट्टी के कारण   योगनगरी ऋषिकेश और मसूरी में पर्यटकों की जबरदस्त भीड़ के आगे पुलिस महकमे की तमाम व्यवस्थाएं धराशायी हो गईं। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से आठ हजार से अधिक वाहन योगनगरी पहुंचे।

वहीं सोमवार को देहरादून में भी सड़क पर वाहनों की भीड़ दिखाई दी। घंटाघर क्षेत्र ट्रैफिक से पैक हो गया। बदरीनाथ और गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित चेक पोस्ट पर बिना पंजीकरण और आरटीपीसीआर रिपोर्ट के जिले की सीमा को पार करने का प्रयास कर रहे कई पर्यटकों को पुलिस ने लौटाया।

इस दौरान चेक पोस्ट पर कई पर्यटक पुलिसकर्मियों से उलझते हुए भी नजर आए। कोविड कर्फ्यू के दौरान   पहली बार ऋषिकेश और मसूरी में सन्नाटा टूटा।

पर्यटकों के वाहनों की भारी भीड़ को देख कोविड चेक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों के भी होश उड़ गए। सुबह से ही पर्यटकों के ऋषिकेश पहुंचने का सिलसिला शरू हो गया था। सुबह 12:30 बजे लक्ष्मणझूला रोड स्थित कैलाश गेट चौकी चेक पोस्ट पर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी।

अब ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर किए गए पोस्ट के लिए जिम्मेदार होगा, नई आई टी गाइडलाइन का पालन ना करने से ट्विटर कानूनी संरक्षण का हकदार नहीं रहा



केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बोले – हमने कंपनी को कई मौके दिए, फिर भी गाइडलाइन नहीं मानी, अब वे कानूनी संरक्षण के हकदार नहीं
नए IT नियमों का पालन नहीं करने की वजह से ट्विटर ने बुधवार को देश में इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म का दर्जा खो दिया

नई दिल्ली 16जून । नए IT नियमों का पालन नहीं करने की वजह से ट्विटर ने बुधवार को देश में इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म का दर्जा खो दिया है। यानी अब ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर किए गए पोस्ट के लिए जिम्मेदार होगा। इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखा। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्विटर कानूनी संरक्षण का हकदार है? हालांकि, मामले में सीधी बात यह है कि ट्विटर 26 मई से लागू हुई गाइडलाइन का पालन करने में नाकाम रहा है। इसके बाद भी उन्हें काफी मौके दिए गए थे। फिर भी उन्होंने जानबूझकर गाइडलाइन न मानने का रास्ता चुना। दरअसल, ट्विटर का कानूनी संरक्षण खत्म होने को लेकर केंद्र सरकार ने कोई भी आदेश जारी नहीं किया है। IT मंत्रालय की ओर जारी की गई गाइडलाइन का पालन नहीं करने की वजह से कानूनी संरक्षण अपने आप खत्म हुआ है। कानूनी संरक्षण 25 मई से खत्म माना गया है। भारत की संस्कृति अपने बड़े भौगोलिक स्थिति की तरह बदलती रहती है। सोशल मीडिया में एक छोटी सी चिंगारी भी आग का कारण बन सकती है। खासकर फेक न्यूज के खतरे ज्यादा हैं। इस पर कंट्रोल करना और इसे रोकना नए IT नियमों में से एक था। जिसका पालन ट्विटर ने नहीं किया।
यह आश्चर्यजनक है कि ट्विटर जो खुद को फ्री स्पीच के ध्वजवाहक के रूप में दिखाता है। वह गाइडलाइन मानने की बात पर जानबूझकर इसकी अवहेलना करता है।
चौंकाने वाली बात यह है कि ट्विटर देश के कानून की अनिवार्य प्रक्रिया को लागू करने से इंकार करके यूजर्स की शिकायतों को दूर करने में भी नाकाम रहा है। ट्विटर तभी मैन्यूपलेटेड मीडिया टैग जैसे फ्लैग करने की नीति चुनता है, जो वह उसके लिए उपयुक्त हो या उसकी पसंद और नापसंद के मुताबिक हो।
उत्तर प्रदेश में जो हुआ, वह फर्जी खबरों से लड़ने में ट्विटर की मनमानी का उदाहरण था। ट्विटर अपने फैक्ट्स चेक मैकेनिज्म के बारे में कुछ ज्यादा उत्साही रहा है। UP जैसे कई मामलों में कार्रवाई करने में ट्विटर नाकाम रहा है, जो गलत सूचना से लड़ने में इसकी नाकामी की ओर भी इशारा करता है।
भारतीय कंपनियां चाहे वह फार्मा हो या IT या अन्य जो अमेरिका या अन्य विदेशी देशों में बिजनेस करने जाती हैं, खुले मन से स्थानीय कानूनों का पालन करती हैं। फिर ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म दुर्व्यवहार और दुरुपयोग के शिकार लोगों की ताकत बनने के लिए बनाए गए भारतीय कानूनों का पालन करने से पीछे क्यों हट रहे हैं?
कानून का शासन भारतीय समाज की आधारशिला है। अभिव्यक्ति की आजादी की संवैधानिक गारंटी के लिए भारत की प्रतिबद्धता को G-7 समिट में फिर से दोहराया गया है। हालांकि, यदि कोई विदेशी संस्था यह मानती है कि वे भारत में फ्री स्पीच के ध्वजवाहक के रूप में खुद को पेश कर के देश के कानून का पालन करने से बच जाएंगी, तो ऐसे प्रयास गलत हैं।

सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम प्रोजेक्ट का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद, व रुड़की विधायक ने संयुक्त रूप से किया



ऋषिकेश 16 जून । कोविड-19 के गंभीर मरीजों एवं आईसीयू में भर्ती मरीजों में वाइटल पैरामीटर के रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए जरूरी है कि प्रशिक्षित स्टाफ मरीजों की देखभाल के लिए उपलब्ध रहे, जोकि मौजूदा स्थिति में व्यवहारिक रूप से संभव नहीं हो सकता।ऐसे में नव वायरलेस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लाईफाई इनेबल्ड मल्टीपैरामीटर सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास किया गया है, इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने एम्स, ऋषिकेश में विधिवत रूप से किया।इस दौरान राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा भी मौजूद थे।

नव वायरलेस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के नेशनल हेड भावेश अटल ने बताया कि कोविड-19 महामारी के इस मुश्किल दौर में देश की सेवा के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए उनकी टीम ने लाईफाई इनेबल्ड मल्टीपैरामीटर सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास किया है जो वीडियो कॉलिंग फीचर से युक्त है, आधुनिक लाईफाई तकनीक पर आधारित यह समाधान डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ पर बोझ कम कर देगा।

उन्होंने बताया कि इसकी मदद से कोविड 19 के मरीजों और विशेष रूप से गंभीर लक्षण वाले मरीजों को समय पर उचित देखभाल मिल सकेगी।नवटेक के लाईफ़ाई आधारित सीएमएस सिस्टम के लिए इंटरनेट कनेक्शन, वाईफाई इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती
है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने नवटेक कंपनी की सराहना करते हुए कहा कि लाईफाई टेक्नोलॉजी कोविड-19 महामारी में अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए इलाज के लिए मददगार साबित होगी वहीं मेडिकल स्टाफ के लिए भी यह पद्धति सहयोग प्रदान करेगी साथ ही मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि लाईफाई हॉस्पिटल समाधान सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग स्टेशन की मदद से गंभीर रूप से बीमार मरीजों के वाइटल पैरामीटर्स पर 24 घंटे लगातार नजर रखी जा सकती है।वही प्रशिक्षित स्टाफ एक साथ कई मरीजों पर निगरानी भी रख सकता है जिसके लिए उन्हें आईसीयू वार्ड में मरीजों के नजदीक रहने की जरूरत भी नहीं है और मेडिकल स्टाफ़ में इंफेक्शन होने का खतरा भी कम बना रहता है।
वहीं विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि लाईफाई समाधान से मरीजों के रिश्तेदारों के लिए वीडियो कॉलिंग भी उपलब्ध कराई जाती है जिसे आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के तीमारदारों को मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी लगातार मिलती रहती है।इस अवसर पर नव बायरलेस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के नेशनल हेड अर्पित अकेला भी मौजूद थे।