ऋषिकेश 2 मार्च। यूक्रेन से आने वाले भारतीय छात्रों को उत्तराखंड पहुंचने पर केंद्र सरकार द्वारा छात्रों को उनके उत्तराखंड में गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए ट्रेन, बस, टैक्सी जिस माध्यम से भी उनकी इच्छा हो निशुल्क राज्य सरकार द्वारा उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था उत्तराखंड राज्य सरकार को सौंप दी गई है। जिसका सभी खर्च उत्तराखंड सरकार द्वारा किया जाएगा।
बताते चलें उत्तराखंड ऋषिकेश में कुछ छात्रों द्वारा और उनके परिवार जनों द्वारा शिकायत रही है कि उनको भारत में मुंबई तक तो पहुंचा दिया गया लेकिन उसके बाद का उनके घर तक गंतव्य स्थान का सारा खर्चा उनको खुद उठाना पड़ा था।
इन्हीं सब बातों का संज्ञान लेते हुए भारत सरकार द्वारा अपने वतन वापस लौटे उत्तराखण्ड राज्य के भारतीय नागरिकों की सूचना प्रतिदिन गृह अनुभाग-8, उत्तराखण्ड शासन की ई–मेल आई०डी०–[email protected] के साथ-साथ आधिकारिक रूप से सृजित किये गये व्हाट्सअप ग्रुपों पर प्रेषित किये जाने तथा भारत वापस लौटे राज्य के नागरिकों को उनके गन्तव्य तक पहुंचने के सम्बन्ध में ट्रेन, बस एवं टैक्सी में से जिस माध्यम से भी उनके द्वारा जाने की इच्छा प्रकट की जाय, की निःशुल्क व्यवस्था आपके कार्यालय द्वारा की जायेगी। इस सम्बन्ध में होने वाला व्यय उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वहन किया जायेगा।
इस संबंध में आज प्रभारी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यूक्रेन में उत्तराखण्ड के जो छात्र एवं अन्य नागरिक हैं, उनके परिजनों से लगातार संपर्क स्थापित किया जाय। यूक्रेन में फंसे उत्तराखण्ड के नागरिकों एवं छात्रों की वर्तमान लोकेशन की जानकारी शासन एवं दिल्ली स्थित स्थानिक आयुक्त कार्यालय को भी समय-समय पर दी जाय, ताकि सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान एम.ई.ए को शीघ्रता से किया जा सके। उन्होंने कहा कि यूक्रेन सीमा से लगे देशों में इंडियन एम्बेसी से भी जानकारी ली जा रही है।
अभी तक उत्तराखण्ड के 282 लोगों की सूचना प्राप्त हो चुकी है, जो यूक्रेन और उसके आस-पास के देशों में फंसे हैं, जिनमें से 33 सकुशल घर वापस लौट चुके हैं। यूक्रेन में फंसे छात्रों एवं उत्तराखण्ड में निवासरत उनके परिवारजनों के मोबाईल नम्बर को जोड़ते हुए 03 व्हाट्सप्प ग्रुप बनाये गये हैं, जिनमें सभी वरिष्ठ अधिकारी भी जुड़े हैं। यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजनों से जिला स्तर के अधिकारी व्यक्तिगत रूप से निरन्तर सम्पर्क बनाये हुए हैं। भारत सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से सभी को सुरक्षित वापस लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रभारी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि दिल्ली एवं मुम्बई में राज्य की ओर से यूक्रेन से आने वाले उत्तराखण्ड वासियों के लिए समन्वय केन्द्र बनाया गया है।
सभी आगन्तुकों के लिए ठहरने एवं खाने की व्यवस्था की गई है, दिल्ली से अपने गन्तव्य तक लाने की व्यवस्था राज्य की ओर से की गई है। यूक्रेन से आने वाले उत्तराखण्ड के नागरिकों की वर्तमान लोकेशन की जो भी सूचना प्राप्त हो रही है, उन सूचनाओं का आदान-प्रदान तेजी से किया जाय, ताकि सूचना समय पर स्थानिक आयुक्त कार्यालय एवं एम.ई.ए को भेजी जा सके। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यूक्रेन एवं उसके आस-पास के देशों में फंसे उत्तराखण्ड के जिन नागरिकों या उनके परिजनों से अभी तक सम्पर्क नहीं हो पाया है, प्राप्त डाटा के आधार पर उनके परिजनों से सम्पर्क स्थापित करने के लिए टीम भेजी जाय। यूक्रेन से उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों को सकुशल वापस लाने एवं बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए जनपद एवं तहसील स्तर पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है।
शासन, प्रशासन एवं पुलिस द्वारा आपसी समन्वय से सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उत्तराखण्ड शासन की ओर से बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए सचिव श्री विनोद कुमार सुमन को नई दिल्ली में नोडल अधिकारी के रूप में भेजा गया है।
प्रभारी मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि यूक्रेन में फंसे उत्तराखण्ड के लोगों को सकुशल वापस लाने एवं उनकी वर्तमान लोकेशन की जानकारी के लिए राज्य स्तर पर राज्य आपदा परिचालन केन्द्र को सक्रिय किया गया है। इस केन्द्र में सभी जनपदों एवं अभिसूचना विभाग से प्राप्त सूचनाएं आरसी ऑफिस एवं एम.ई.ए को दी जायेगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, एडीजी इंटेलीजेंस संजय गुंज्याल, सचिव एस. ए. मुरूगेशन, विनोद कुमार सुमन, डीआईजी इंटेलीजेंस श्रीमती निवेदिता कुकरेती, अपर सचिव सोनकर, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी एवं ए.आरसी अजय मिश्रा मौजूद थे।