अल्मोड़ा, 06 अप्रैल । अपर सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार पांडे की अदालत ने दिव्यांग के साथ दुष्कर्म करने के प्रयास के चलते लैंगिक अपराध के मामले में अभियुक्त को 5 वर्ष का कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को 6 माह का अतिरिक्त् साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने पैरवी की।उन्होंने न्यायालय को बताया कि 10 जून 2019 को घर से करीब सौ मीटर की दूरी पर गौशाला है। जिसमें पीड़िता की दादी और पीड़िता रहती है। रात्रि के करीब 8.30 बजे दादी चिल्लाते हुए आई और कहने लगी की पीड़िता को गुलदार उठा ले गया है।
जिसके बाद परिजनों ने ढूंढ खोज शुरू कर दी। इतने में परिजनों ने पास ही गौशाला के पास अभियुक्त बीरबल पुत्र स्व. कमल सिंह, निवासी ग्राम ताल पोस्ट व तहसील चौखुटिया, हाल निवासी मल्ली मिरई द्वाराहाट, अल्मोड़ा को पीड़िता के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया और पुलिस बुलाई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया।
पीड़िता के परिजनों द्वारा प्रथम रिपोर्ट दर्ज कराई। विवेचना अधिकारी की ओर से विवेचना पूर्ण कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। पीड़िता के मानसिक रूप से कमजोर और चलने फिरने और बोलने में असमर्थ है। विकलांगता का फायदा उठाकर अभियुक्त ने जबरन दुष्कर्म करने का प्रयास किया, अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने 14 गवाह प्रस्तुत किए। पत्रावली में मौजूद दस्तावेजों का परिशीलन कर न्यायालय ने यह सजा सुनाई।
अभियुक्त को 5 वर्ष का कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को 6 माह का अतिरिक्त् साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने पैरवी की।
उन्होंने न्यायालय को बताया कि 10 जून 2019 को घर से करीब सौ मीटर की दूरी पर गौशाला है। जिसमें पीड़िता की दादी और पीड़िता रहती है। रात्रि के करीब 8.30 बजे दादी चिल्लाते हुए आई और कहने लगी की पीड़िता को गुलदार उठा ले गया है।
जिसके बाद परिजनों ने ढूंढ खोज शुरू कर दी। इतने में परिजनों ने पास ही गौशाला के पास अभियुक्त बीरबल पुत्र स्व. कमल सिंह, निवासी ग्राम ताल पोस्ट व तहसील चौखुटिया, हाल निवासी मल्ली मिरई द्वाराहाट, अल्मोड़ा को पीड़िता के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया और पुलिस बुलाई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया।
पीड़िता के परिजनों द्वारा प्रथम रिपोर्ट दर्ज कराई। विवेचना अधिकारी की ओर से विवेचना पूर्ण कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। पीड़िता के मानसिक रूप से कमजोर और चलने फिरने और बोलने में असमर्थ है। विकलांगता का फायदा उठाकर अभियुक्त ने जबरन दुष्कर्म करने का प्रयास किया, अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने 14 गवाह प्रस्तुत किए। पत्रावली में मौजूद दस्तावेजों का परिशीलन कर न्यायालय ने यह सजा सुनाई।
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