ऋषिकेश, 20 अप्रैल । रायवाला पुलिस ने एसओजी ग्रामीण की संयुक्त टीम के साथ हरिपुर कला क्षेत्र मे हुई डकैती मे फरार चल रहे अभियुक्त को रोहिणी दिल्ली से गिरफ्तार कर डकैती का खुलासा किए जाने का दावा किया है ।अभियुक्त ने अपने अन्य 4 साथियो के साथ मिलकर डकैती की घटना को अंजाम दिया गया था।
थानाध्यक्ष रायवाला भुवन चंद्र पुजारी ने बताया कि 15 फरवरी को पूजा कश्यप पुत्री रमेश कश्यप निवासी – हरिपुर कला थाना रायवाला द्वारा दी गयी लिखित तहरीर कि सुवह के समय वह अपने परिवार के साथ अपने घर गंगा कालोनी हरिपुरकलां पर मौजूद थी । तो देर रात्रि को 3-4 अज्ञात लोगों ने घर के गेट का ताला तोडकर वहअंदर घुस गये ,और मम्मी रामरती के साथ मारपीट करके कान के सोने के कुंडल कान फाडकर छीन लिये तथा आलमारी मे रखी पायल ,नाक की पिन और घर का कुछ सामान व 10 हजार रू0 लूट कर भाग गये थे । पीड़िता द्वारा दी गयी, लिखित तहरीर के आधार पर थाना रायवाला पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था ।
थाना क्षेत्र में हुई घटना मे सीसीटीवी फुटेज चैक करने पर पाया गया था , कि घटना को 4-5 लोगों द्वारा अंजाम दिया गया ,जो कि एक डकैती की घटना थी । जिस कारण मुकदमा उपरोक्त मे लूट की धाराओं मे तब्दील करते हुए डकैती मे दर्ज किया गया था । जिसके 8 मार्च को उपरोक्त घटना मे संलिप्त 3 आरोपीयों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था । और फरार चल रहे एक आरोपी की गिरफ्तारी के लिए गठित पुलिस टीम ने हुए सर्विलांस से फरार अभियुक्त कोहिनूर उर्फ मोटा निवासी भरत विहार गली न0 28 बेगमपुर रोहिणी दिल्ली की लोकेशन उसके घर (दिल्ली ) मे मिली । जिस पर तत्काल पुलिस टीम को भरत विहार गली न0 28 बेगमपुर रोहिणी दिल्ली रवाना किया गया । पुलिस टीमने दिल्ली पंहुच कर स्थानीय पुलिस को घटना के संवध मे अवगत कराकर साथ लेकर संबंधित स्थान को रवाना हुए । भरत विहार गली न0 28 बेगम पुर मे पंहुच कर दविश दी गयी तो उपरोक्त फरार अभियुक्त अपने निवास स्थान पर मौजूद था ।
पकड़े गए आरोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि हम पांचो आपस मे रिश्तेदार हैं और 14 फरवरी को चुनाव वाले दिन झाबर जो शरणनाथ का सगा भाई है,हमारी झोपडी मे आया था,और उसने हमें बताया कि एक बुजुर्ग महिला है जो कि अकेले रहती है और उसके पास वहुत सारा पैसा व जेवरात हैं।
इस पर हम चारों(नौशादनाथ ,अक्षयनाथ ,कोहिनूर उर्फ मोटा,झाबरनाथ)हरिद्वार से आये और शरणनाथ के घर पर रूके । देर रात्रि के समय डकैती की योजना बनाकर जंगल के रास्ते आये व घर में कोई भी पुरूष नहीं होने के कारण घर के दरवाजे को धक्का मारकर खोल दिया । मैं और झाबर घर के बाहर ही रूककर किसी भी खतरे को भांप रहे थे, फिर अन्य तीनों ने घर में घुसकर महिलाओं को बन्धक बनाकर एक-दो महिलाओं से बिछुए, चैन तथा कानों के कुण्डल छीन लिए थे । घर के बक्से में पन्नी में रखे कुछ पैसे व कागजात उठाकर बाहर उसी रास्ते से हम पांचो उसी जंगल के रास्ते भाग गये थे व रात भर शरणनाथ की झोपडी मे रूके थे । और सुबह होते ही पथरी चले गये थे । उपरोक्त डकैती की घटना मे मेरे हिस्से मे केवल पैसै आये थे जो कि मैने खर्च कर दिये है । मेरे पास उस घटना का कोई भी सामान नही है ।