उत्तराखंड में लगातार जलते हुए जंगलों की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री व वन मंत्री ने अधिकारियों के संग समीक्षा बैठक कर दिए आवश्यक दिशा निर्देश, चार धाम यात्रा के दौरान वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए तय की जाए अधिकारियों की जिम्मेदारी


ऋषिकेश देहरादून 2 मई। उत्तराखंड में लगातार जलते हुए जंगल की रोकथाम के लिए उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ओर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन विभाग के अधिकारियों साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल ने आज सचिवालय में वनाग्नि की रोकथाम के संबंध में समीक्षा बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि जल्द वन विभाग के सीनियर अफ़सरों को नोडल बनाया जाए। जनपदों में डीएफओ लगातार क्षेत्र भ्रमण करें और पुलिस, राजस्व विभागों के साथ ही जन सहयोग लिया जाए।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग करते हुए महिला मंगल दल, युवक मंगल दल का भी वनाग्नि को रोकने में सहयोग लिया जाए। इसके साथ ही रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए।

चार धाम यात्रा के दौरान वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शीतलाखेत (अल्मोड़ा) मॉडल को अपनाया जाए। दीर्घकालिक योजनाओं के लिए अनुसंधान से जुड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से समन्वय स्थापित कर योजना बनाई जाए,।

इकोनॉमी और इकोलॉजी का समन्वय स्थापित करते हुए कार्य किये जाएं साथ ही प्रदेश के विकास के लिए एक नई कार्य संस्कृति व कार्य व्यवहार से सभी को कार्य करना होगा। वनाग्नि को रोकने एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के लिए स्कूलों में करिकुलर एक्टिविटी करवाई जाए।

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