लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका रही -डॉ मेंदोला सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दौड़ के साथ लोगों को किया पौधों का वितरण
ऋषिकेश, 31 अक्टूबर। सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रीय एकता और अखंडता की भावना को जागृत करने और युवाओं में जोश का संचार करने के लिए सोमवार को मैराथन दौड़ लगाई गई।
पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के नमामि गंगे एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवीओ द्वारा परिसर से अडॉप्टेड मलिन बस्ती मायाकुंड तक राष्ट्रीय एकता दौड़ रन लगाई ।बस्ती में पहुंचकर स्वयंसेवीओ द्वारा वृक्षारोपण एवं बस्ती के लोगों को पौधों का वितरण किया गया ।
स्वयंसेवीओ द्वारा “मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं, जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करता हूं।” की शपथ ली ।
इस अवसर पर वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी एवं नमामि गंगे प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ अशोक कुमार मेंदोला ने अपने संबोधन में कहा आज भारत रत्न, लौह पुरुष, राष्ट्रीय एकीकरण के शिल्पकार, आधुनिक भारत के निर्माता सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है। भारत के बिस्मार्क और लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार पटेल 565 रियासतों के विलय के लिए जाने जाते हैं। सरदार पटेल भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और पहले गृहमंत्री थे। हिन्दुस्तान को आजादी मिलने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल की पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका रही। यही कारण है कि वल्लभभाई पटेल की जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में मनाया गया था।
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