कोरोना संक्रमण से लाचार होकर दिल्ली से 839 लोगों ने किया पर्वतीय क्षेत्रों के लिए पलायन

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में हुए इजाफे के बाद 839 लोगों ने किया पर्वतीय क्षेत्रों के लिए पलायन

ऋषिकेश, 20 अप्रैल  । पिछले 24 घंटे में देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या मे हुए इजाफे के कारण वहां काम करने वाले कामगारों के पलायन के चलते उत्तराखंड परिवहन की बसों मे पलायन करने वालों की संख्या बढ़ गई है। जिसके कारण सोमवार की रात को उत्तराखंड रोडवेज परिवहन निगम की बसों में 8 39 यात्रीयों ने दिल्ली से ऋषिकेश व पर्वतीय क्षेत्रों के लिए रवाना हुए हैं।

यह जानकारी उत्तराखंड परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक पीके भारती ने देते हुए बताया कि दिल्ली में कोरोना संक्रमित लोगों की बढी संख्या के कारण लोगों का पलायन दिल्ली से हो रहा है ।जोकि पर्वतीय क्षेत्रों में अपने घरों के लिए रवानगी कर रहे है, उन्होंने बताया कि उक्त यात्रियों में गोपेश्वर ,उत्तरकाशी ,गुप्तकाशी, घनसाली ,बोराड़ी आदि के लोग हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली से ऋषिकेश आने वाले सभी बसों में सवार यात्रियों का गुरुकुल नारसन बॉर्डर पर कोविड-19 टेक्स्ट किया जा रहा है। जिसमें पॉजिटिव सवारियों के पाए जाने पर उन्हें वापस भी किया जा रहा है।

वही निजी संस्थाओं द्वारा पर्वतीय क्षेत्र में संचालित बसों के किराये भाड़े में ₹3 प्रति किलोमीटर के हिसाब से बढ़ोतरी कर दी गई है। लोकल रोटेशन के अध्यक्ष प्यार सिंह गुनसोला का कहना है, कि पर्वतीय क्षेत्र में जाने वाली बसों में सवारियों की संख्या को लेकर राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए 50% सवारियों को ही ले जाया जा रहा है ।जिसके कारण उनके किराए में सरकार को अमूल चूल परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता है ।अन्यथा बस मालिकों को काफी घाटे का सामना करना पड़ेगा। उधर आज मंगलवार को जोशीमठ सहित अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में कार्यरत नेपाली मजदूर भी अपने घर नेपाल जाने के लिए पलायन कर रहे हैं नेपाल के रहने वाले नर बहादुर का कहना है कि उनकी कंपनी ने काम की गति कम होने के कारण मजदूरों की संख्या में छटनी कर दी है जिसके कारण वह 1 हफ्ते से खाली बैठे थे। जिससे वह अपने घरों के लिए वापसी कर रहे हैं नर बहादुर ने बताया कि जैसे ही उन्हें दोबारा काम पर बुलाया जायेगा। वह वापस आ जाएंगे।

 

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