मानसून की पहली बारिश ने ऋषिकेश का हाल किया अस्त-व्यस्त, बढ़ा गंगा का जलस्तर ,ऋषिकेश त्रिवेणी घाट का सरस्वती नाला उफान पर, पूरे घाट और मुख्य मार्ग पर बहा सरस्वती मे आने वाली गंदगी और मलबे का पानी,  जी 20 के लिए सौंदर्यकरण की दृष्टि से लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए टापू और उन पर लगाई घास,सुंदर पेड़ चढ़े गंगा की भेंट 


ऋषिकेश ,25 जून। पिछले 2 दिनों से पहाड़ों में हो रही लगातार वर्षा के कारण गंगा जी सहित ऋषिकेश के आसपास के नदी नालों का जलस्तर बढ़ जाने के परिणाम स्वरूप गंगा तट के किनारे निवासियों को स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी है वही टिहरी प्रशासन ने आगामी दो दिनों तक के लिए गंगा जी में होने वाली राफ्टिंग को बंद कर दिया है जिसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन अलर्ट हो गया है।

बताते चले जी-20 की तीसरी बैठक के मद्देनजर ऋषिकेश में होने वाली 28 जून को प्रस्तावित गंगा आरती के चलते ऋषिकेश त्रिवेणी घाट मे सौंदर्य करण के कामों को अंजाम दिया जा रहा था परंतु इस 2 दिन की मूसलाधार बारिश में जी-20 के तहत होने वाले निर्माण और सौंदर्य करण पर भी लगाम लगा दी है।

ऋषिकेश के उप जिलाधिकारी सौरभ अस्वाल तहसीलदार चमन लाल सिंह मौके पर पहुंच गए और स्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं। रविवार की सुबह से हो रही लगातार वर्षा के कारण नगर की तमाम मलिन बस्तियों मायाकुंड चंद्रभागा शांति नगर सर्वहारा नगर सहित नगर के बीचो बीच बहने वाले सरस्वती नाले भी भारी उफान पर आ गए हैं जिसके कारण त्रिवेणी घाट पर बनी फूलों की दुकान और श्री गंगा सभा के कार्यालय को भी खतरा उत्पन्न हो गया। इतना ही नही त्रिवेणी घाट पर गंगा जी जाने वाला मुख्य मार्ग पानी के कारण लबालब हो गया है।

जी 20 के लिए विदेशी मेहमानों के स्वागत हेतु गंगा जी के बीच में बने टापू पर मंसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा लगाए गए सौंदर्य करण की दृष्टि से घास और सुंदर पेड़ भी गंगा जी की भेंट चढ़ गए हैं इतना ही नहीं सॉन्ग नदी भी अपने पूरे उफान पर आ गई है जिसके कारण कई गांव खतरे की जद में आ गए कुल मिलाकर वर्षा के कारण नगर का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है

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