आईडीपीएल ऋषिकेश के बिजली कंट्रोल रूम से बिजली काटने से टाउनशिप डूबी अंधेरे में, क्षेत्र में पेयजल संकट भी हुआ उत्पन्न, बिजली काटे जाने से नाराज लोगों ने एसडीएम और प्रबंधक का किया घेराव वन विभाग ने कई भवनों सहित पूरे प्लांट को किया सील, 

ऋषिकेश, 23 सितम्बर । वन विभाग की भूमि पर स्थापित आईडीपीएल फैक्ट्री की नवम्बर 2022 में  केंद्र सरकार द्वारा लीज समाप्त किए जाने के बाद वन विभाग ने शुक्रवार की देर रात को कई भवनों सहित पूरे प्लांट को सील कर दिए जाने के बाद आईडीपीएल के बिजली कंट्रोल रूम से पूरे टाउनशिप की बिजली काट दी है, इसके बाद पूरी टाउनशिप अंधेरे में डूब गई है। बिजली काटे जाने से आईडीपीएल क्षेत्र में पेयजल संकट भी उत्पन्न हो गया है।

,जिसके विरोध में टाउनशिप में रह रहे लोगों ने उपजिला अधिकारी सहित फैक्ट्री के प्रबंधक का घेराव भी किया। उल्लेखनीय की आईडीपीएल फैक्ट्री का निर्माण वर्ष 1965 में भारत सरकार ने सोवियत संघ की सहायता से गरीबों को सस्ती दवा उपलब्ध करवाए जाने की दृष्टि से किया गया था, जिसमें एंटीबायटिक दवाई के अलावा माला‌ ड़ी सहित कई दवाइयों का उत्पादन किया जा रहा था, परंतु उसके बाद वर्ष 1991 की औद्योगिक नीति में इस इकाई को बीमार घोषित कर दिया गया तब से इस फैक्ट्री के बुरे दिन शुरू हो गए थे। 1996 के बाद अधिकांश कर्मचारियों को बीआरएस भी दे दिया गया था, 28 दिसंबर 2016 को इस फैक्ट्री को केंद्रीय कैबिनेट ने बंद करने का निर्णय लिया और‌ फैक्ट्री की लीज नवंबर 2022 में समाप्त हो गई थी। इसके बाद वन विभाग ने इस फैक्ट्री को अपने नियंत्रण में लिए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी थी जिसके कारण फैक्ट्री के 2600 आवासों में रह रहे लोगों पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।

केंद्र सरकार के उक्त निर्णय के बाद ‌आईडीपीएल प्रशासन ने 1162 मकान खंडर भी हो चुके हैं मकानों के मेंटेनेंस का कार्य भी बंद कर दिया था,बाकी बच्चे 1200 आवासों में से पहले चरण में 227 मकान को उनमें रह गए लोगों से कब्जे खाली करवाए गये जिनमें से करीब‌ 102 आवास वन विभाग अपने कमरे में भी ले चुका है , जिनमें प्रशासनिक ‌ भवन आईडी पीएल का गेस्ट हाउस समेत सरकारी भवनों को‌ ध्वस्त भी किये जा चुका हैं।

यह कार्रवाई वन विभाग ने फैक्ट्री के तत्कालीन जीएम संजय द्वारा 1 जुलाई 2023 को‌ प्लांट सहित पूरी भूमि वन विभाग को सुपुर्द किए जाने के बाद की गई है। जिसके चलते शुक्रवार की देर रात को वन विभाग ने बिजली पानी काटने का निर्णय लिया ,और वन विभाग की टीम भावनाओं में रह रहे लोगों से कब्जा खाली कर जाने के लिए मौके पर पहुंची तो, लोगों ने विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन शुरू कर आईडीपीएल के सेवानिवृत कर्मचारियों की और से हाई कोर्ट में वर्षा काल को देखते हुए ‌जनहित याचिका डालकर राहत दिए जाने की मांग की गई थी।

जिसमें हाई कोर्ट ने 3 अगस्त को स्टे देकर राज्य सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा था। जिसकी सुनाई 19 सितंबर को की जानी थी, परन्तु किन्ही कारणों के चलते से सुनवाई नहीं हो पाई है, वन विभाग के क्षेत्रा अधिकारी देवेंद्र पुण्डिर का कहना है कि वॉटर इनट्रैक्टर प्लांट, डी2 प्लांट और प्रशासनिक भवन को कार्रवाई कर कब्जे में ले लिया गया है। जिसके चलते आईडीपीएल की बिजली काटी गई है।

उन्होंने बताया की आईडीपीएल  के बिजली कंट्रोल रूम से पूरे टाउनशिप की बिजली काटी है। बिजली गुल होने के बाद आईडी पर क्षेत्र में पेयजल संकट भी पैदा हो गया कार्रवाई से पहले वन विभाग ने कई भवन, और प्लांट भी सील कर दिए हैं इसके बाद देर रात तक लोगों ने आईडीपीएल के प्रबंधक का घेराव भी किया।

आईडीपीएल के भवनों में रह रहे लोगों का कहना है कि वन विभाग ने शाम को पूरे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बंद कर दी थी , जिससे क्षेत्र में ट्यूबल भी नहीं चल पाए और पीने के पानी का संकट भी पैदा हो गया है। जिसे लेकर लोग एसडीएम आवास भी पहुंचे, परंतु उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है उधर सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने बिजली काटे जाने के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया है।

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