आईडीपीएल डिपेंडेंट वेलफेयर सोसाइटी ने हाट बाजार विवाद की आड़ में आईडीपीएल बचाओ आंदोलन को प्रभावित करने का बताया षड्यंत्र  – सोसाइटी ने अवैध वसूली के आरोप को भी सिरे से नकारा 



ऋषिकेश 21 जनवरी। तीन दिन पूर्व आईडीपीएल कालोनी ऋषिकेश में हाट बाजार के संचालन की व्यवस्थाओं को लेकर कथित पत्रकार और आईडीपीएल डिपेंडेंट वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों में विवाद उत्पन्न हो गया था।

सोसाइटी ने संबद्ध पक्ष पर इस विवाद की आड़ में सोशल और डिजिटल मीडिया में दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए कहां की आईडीपीएल को बचाने के लिए चल रहे आंदोलन को प्रभावित करने का यह एक सुंयोजित षड्यंत्र है। इसके खिलाफ सोसाइटी कानूनी कार्रवाई करेगी।

बताते चलें 18 जनवरी को आईडीपीएल हाट बाजार में कथित पत्रकार और सोसाइटी के सदस्यों की आपसी नोक झोक सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रही थी। जिसको लेकर रविवार को प्रेस क्लब में आईडीपीएल डिपेंडेंट वेलफेयर सोसाइटी की ओर से अपना पक्ष पत्रकारों के सामने रखा गया।

वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष वायुराज सिंह और सचिव अजय श्रीधर ने कहा बाजार का संचालन मैनेजमेंट की ओर से किया जाता था। पिछले डेढ़ महीने से मैनेजमेंट ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। इसके बाद स्थानीय नागरिक जो आईडीपीएल को बचाने के लिए न्यायालय में संघर्ष कर रहे हैं उन्होंने इस पर चिंता जताई और वेलफेयर सोसाइटी का गठन किया।

उन्होंने बताया कि वेलफेयर सोसाइटी की ओर से जिस तरह मैनेजमेंट की ओर से हाट बाजार से शुल्क लिया जाता था, उसी तर्ज पर शुल्क लिया गया। यह शुल्क व्यापारियों की सुविधा जैसे लाइट , सफाई व अन्य कार्य में खर्च किया गया। हाट बाजार में कुछ बाहरी तत्व दुकान लगाते हैं। जिन्होंने इस विवाद को बढ़ावा दिया। जबकि आईडीपीएल में रहने वाले वह लोग जो हाट में व्यापार कर रहे हैं, वह समिति को अपना पूरा सहयोग दे रहे थे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कथित पत्रकार  की ओर से अपने संगठन के नाम पर 11 हजार रुपए की मांग की गई। समिति के लोगों ने मना किया तो यह विवाद खड़ा कर दिया। विवाद पुलिस तक पहुंच गया था।

समिती के  सदस्यो ने कहा कि वन विभाग की ओर से अब हाट बाजार का संचालन रुकवा दिया गया है। जिससे स्थानीय लोग के हित प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि इतना ही नहीं कथित पत्रकार की ओर से माफी मांगते हुए पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में मामले में समझौता कर लिया गया था। समिति सदस्यों ने कहा कि पुलिस के समक्ष हुए समझौते का उल्लंघन कर यह लोग अब सोशल मीडिया के नाम से आईडीपीएल सोसाइटी के लोग को बदनाम कर रहे हैं। जिसके लिए उनके खिलाफ सोसायटी कानूनी कार्रवाई करेंगी।

पत्रकार वार्ता में पुनीत बजाज, अर्पित राजपूत, रूपेंद्र कौर, विमलेश शर्मा आदि मौजूद थे।

आईडीपीएल बचाए जाने को लेकर फिर उठी मांग, यूकेडी ने एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को दिया ज्ञापन -वन विभाग में 2025 तक लीज का पैसा जमा होने के बावजूद खाली करवाए जाने का लगाया आरोप



 ऋषिकेश, 10 अक्टूबर । उत्तराखंड क्रांति दल ने तहसील में प्रदर्शन कर उत्तराखंड के राज्यपाल को आईडीपी एल को अवैधानिक तरीके से लोगों को गुमराह कर खाली करवाए जाने के विरोध में एक ज्ञापन दिया।

बुधवार को तहसील में उत्तराखंड राज्य के राज्यपाल के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि उनके द्वारा मांगी गई सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त हुई है, कि आईडीपीएल संस्थान ने वन विभाग‌ को आईडीपीएल को मिली लीज भूमि का वार्षिक किराया चार रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से 3 वर्ष का किराया ‌,1 अप्रैल 2022 से ‌31 मार्च 2025 तक का वन विभाग को जमा किया गया। उसके बावजूद भी वन विभाग के अधिकारी और जिलाधिकारी द्वारा 27 अप्रैल 2021 में आईडीपीएल की लीज समाप्त होने का आधार मांन कर सूचना तथा नोटिस जारी कर बेदखली के नोटिस दे रहे हैं। जबकि यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन भी है। जिसमें न्यायालय द्वारा सुनवाई की तीथि 29 नवंबर 2023 निश्चित की है। ज्ञापन में कहा गया कि वन विभाग आईडीपीएल मामले की सत्यता को छुपाकर गुमराह कर रहा है।

ज्ञापन देने वालों में उत्तराखंड क्रांति दल के प्रभारी ऋषिकेश ऋषिकेश मोहन सिंह असवाल, सेवक सिंह राणा प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी प्रकोष्ठ बीडी नौटियाल, महानगर अध्यक्ष ऋषिकेश, युद्दवीर सिंह चौहान, पुष्पा नेगी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

आईडीपीएल ऋषिकेश के बिजली कंट्रोल रूम से बिजली काटने से टाउनशिप डूबी अंधेरे में, क्षेत्र में पेयजल संकट भी हुआ उत्पन्न, बिजली काटे जाने से नाराज लोगों ने एसडीएम और प्रबंधक का किया घेराव वन विभाग ने कई भवनों सहित पूरे प्लांट को किया सील, 



ऋषिकेश, 23 सितम्बर । वन विभाग की भूमि पर स्थापित आईडीपीएल फैक्ट्री की नवम्बर 2022 में  केंद्र सरकार द्वारा लीज समाप्त किए जाने के बाद वन विभाग ने शुक्रवार की देर रात को कई भवनों सहित पूरे प्लांट को सील कर दिए जाने के बाद आईडीपीएल के बिजली कंट्रोल रूम से पूरे टाउनशिप की बिजली काट दी है, इसके बाद पूरी टाउनशिप अंधेरे में डूब गई है। बिजली काटे जाने से आईडीपीएल क्षेत्र में पेयजल संकट भी उत्पन्न हो गया है।

,जिसके विरोध में टाउनशिप में रह रहे लोगों ने उपजिला अधिकारी सहित फैक्ट्री के प्रबंधक का घेराव भी किया। उल्लेखनीय की आईडीपीएल फैक्ट्री का निर्माण वर्ष 1965 में भारत सरकार ने सोवियत संघ की सहायता से गरीबों को सस्ती दवा उपलब्ध करवाए जाने की दृष्टि से किया गया था, जिसमें एंटीबायटिक दवाई के अलावा माला‌ ड़ी सहित कई दवाइयों का उत्पादन किया जा रहा था, परंतु उसके बाद वर्ष 1991 की औद्योगिक नीति में इस इकाई को बीमार घोषित कर दिया गया तब से इस फैक्ट्री के बुरे दिन शुरू हो गए थे। 1996 के बाद अधिकांश कर्मचारियों को बीआरएस भी दे दिया गया था, 28 दिसंबर 2016 को इस फैक्ट्री को केंद्रीय कैबिनेट ने बंद करने का निर्णय लिया और‌ फैक्ट्री की लीज नवंबर 2022 में समाप्त हो गई थी। इसके बाद वन विभाग ने इस फैक्ट्री को अपने नियंत्रण में लिए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी थी जिसके कारण फैक्ट्री के 2600 आवासों में रह रहे लोगों पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।

केंद्र सरकार के उक्त निर्णय के बाद ‌आईडीपीएल प्रशासन ने 1162 मकान खंडर भी हो चुके हैं मकानों के मेंटेनेंस का कार्य भी बंद कर दिया था,बाकी बच्चे 1200 आवासों में से पहले चरण में 227 मकान को उनमें रह गए लोगों से कब्जे खाली करवाए गये जिनमें से करीब‌ 102 आवास वन विभाग अपने कमरे में भी ले चुका है , जिनमें प्रशासनिक ‌ भवन आईडी पीएल का गेस्ट हाउस समेत सरकारी भवनों को‌ ध्वस्त भी किये जा चुका हैं।

यह कार्रवाई वन विभाग ने फैक्ट्री के तत्कालीन जीएम संजय द्वारा 1 जुलाई 2023 को‌ प्लांट सहित पूरी भूमि वन विभाग को सुपुर्द किए जाने के बाद की गई है। जिसके चलते शुक्रवार की देर रात को वन विभाग ने बिजली पानी काटने का निर्णय लिया ,और वन विभाग की टीम भावनाओं में रह रहे लोगों से कब्जा खाली कर जाने के लिए मौके पर पहुंची तो, लोगों ने विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन शुरू कर आईडीपीएल के सेवानिवृत कर्मचारियों की और से हाई कोर्ट में वर्षा काल को देखते हुए ‌जनहित याचिका डालकर राहत दिए जाने की मांग की गई थी।

जिसमें हाई कोर्ट ने 3 अगस्त को स्टे देकर राज्य सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा था। जिसकी सुनाई 19 सितंबर को की जानी थी, परन्तु किन्ही कारणों के चलते से सुनवाई नहीं हो पाई है, वन विभाग के क्षेत्रा अधिकारी देवेंद्र पुण्डिर का कहना है कि वॉटर इनट्रैक्टर प्लांट, डी2 प्लांट और प्रशासनिक भवन को कार्रवाई कर कब्जे में ले लिया गया है। जिसके चलते आईडीपीएल की बिजली काटी गई है।

उन्होंने बताया की आईडीपीएल  के बिजली कंट्रोल रूम से पूरे टाउनशिप की बिजली काटी है। बिजली गुल होने के बाद आईडी पर क्षेत्र में पेयजल संकट भी पैदा हो गया कार्रवाई से पहले वन विभाग ने कई भवन, और प्लांट भी सील कर दिए हैं इसके बाद देर रात तक लोगों ने आईडीपीएल के प्रबंधक का घेराव भी किया।

आईडीपीएल के भवनों में रह रहे लोगों का कहना है कि वन विभाग ने शाम को पूरे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बंद कर दी थी , जिससे क्षेत्र में ट्यूबल भी नहीं चल पाए और पीने के पानी का संकट भी पैदा हो गया है। जिसे लेकर लोग एसडीएम आवास भी पहुंचे, परंतु उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है उधर सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने बिजली काटे जाने के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया है।

जेसीबी के माध्यम से ‌आईडीपीएल खाली भवनों को गिराये जाने के दौरान चालक पर पथराव करने वाले आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, बाकी की तलाश जारी



ऋषिकेश , 27 जुलाई । विगत रविवार को आईडीपीएल की लीज समाप्त होने के बाद प्रशासन द्वारा जेसीबी के माध्यम से ‌खाली भवनों को गिराये जाने के दौरान जेसीबी चालक के साथ मारपीट कर पत्थरबाजी करने वाले मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

जबकि बाकी की तलाश जारी है। उल्लेखनीय है कि आईडपीएल की लीज समाप्त होने के उपरांत यह भूमि वन विभाग को सौंपी जा रही है ,जिस पर केंद्र सरकार की बड़ी योजना प्रस्तावित है। जिसे देखते हुए इस भूमि को राज्य सरकार द्वारा खाली करवाकर वन विभाग के सुपुर्द किया जा रहा है।

परंतु आईडीपीएल भवन बचाओ संघर्ष समिति प्रशासन की इस कार्रवाई का कई महीनों से विरोध कर रही है ,इस दौरान जब रविवार को प्रशासन की टीम खाली करवाए गए भवनों पर जेसीबी के माध्यम से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रही थी।

कि इसी दौरान सूरज कुकरेती के नेतृत्व में कुछ लोगों द्वारा जेसीबी चालक से मारपीट कर पथराव किया गया। जिसके बाद जेसीबी के ऑपरेटर ने सूरज कुकरेती सहित 15 लोगों के विरुद्ध संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था, जिसके चलते पुलिस ने सूरज कुकरेती को गिरफ्तार कर लिया है। अब बाकी की खोज में छापेमारी की जा रही है। वहीं दूसरी और आईडीपीएल के भवनों पर की जा रही कार्रवाई को लेकर उत्तराखंड हाई कोर्ट डाली गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए स्टे देते हुए सरकार को 4 सप्ताह का समय जवाब देने के लिए कहा है।

आईडीपीएल खाली कराने के उपरांत धवस्तीकरण की कार्रवाई लगातार रहेगी जारी, वर्षा काल को देखते हुए समय दिए जाने के झूठे प्रेस नोट से लोगों के बीच फैलाया जा रहा भ्रम, प्रशासन ने नहीं किया प्रेस नोट जारी: एडीएम डा. शिवकुमार बरनवाल



ऋषिकेश 25 जुलाई। आईडीपीएल की लीज समाप्त हो जाने के उपरांत वन विभाग द्वारा राज्य सरकार के आदेश पर वहां रहने वाले अनाधिकृत रूप से लोगों से भवन खाली कराने के उपरांत की जा रही, ध्वस्तिकरण की कार्रवाई को लेकर जारी किए गए एक तथाकथित प्रेस नोट को पूरी तरह से लोगों के बीच भ्रम फैलाए जाने की बात अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा. शिव कुमार बरनवाल ने कही है।

उल्लेखनीय की रविवार से राज्य सरकार के आदेश पर ऋषिकेश आईडीपीएल कॉलोनी को खाली कर वन विभाग को‌ सौंपे जाने के लिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई प्रारंभ की गई है ।जिसके बाद एक तथाकथित प्रेस नोट जिसमें वर्षा काल को देखते हुए समय दिए जाने की बात कही गई है।

जिसका संज्ञान लेते हुए अपर सचिव प्रशासन डा. शिवकुमार बरनवाल की ओर से खंडन करते हुए कहा गया है कि इस प्रकार का प्रेस नोट उनके यहां से कोई भी जारी नहीं हुआ है और जहां से भी यह जारी हुआ है उनके विरूद्ध जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

23 जुलाई को खाली होगी आइडीपीएल , आवासीय और कार्यालय भवन के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लगेगी 10जेसीबी, डीएम की अगुवाई में बनी रणनीति, आइडीपीएल वासियों ने रेंज कार्यालय पर किया प्रदर्शन



ऋषिकेश 22 जुलाई। आइडीपीएल परिसर में स्थित आवासीय और कार्यालय भवन के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रविवार को अमल में लाई जाएगी।

जिलाधिकारी देहरादून सोनिका की अध्यक्षता में आयोजित सभी प्रमुख अधिकारियों की बैठक में इसे लेकर व्यापक रणनीति तैयार की गई। संस्थान प्रबंधन को निर्देशित किया गया कि वह शनिवार तक सभी मशीनें, कार्यालय पत्रावली व अन्य सामग्री को वहां से हटा लें। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर से इस कार्य के लिए व्यापक पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। आइडीपीएल कालोनी वीरभद्र की 899.53 एकड़ भूमि की लीज समाप्त हो जाने के बाद राज्य सरकार को इस संपत्ति का कब्जा दिलाया जाएगा। जिसे लेकर जिलाधिकारी देहरादून सोनिका की अध्यक्षता में देहरादून जिला मुख्यालय में बीते गुरुवार को सभी प्रमुख अधिकारियों की बैठक बुलाई गई। जिसमें अवगत कराया गया कि 27 नवंबर 2021 को इस भूमि की लीज समाप्त हो चुकी है। अब तक यह भूमि वन विभाग को नहीं सौंपी गई है। प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून नीतीश मणि त्रिपाठी ने भूमि को खाली कराने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की मांग की। आइडीपीएल के महाप्रबंधक संजय कुमार सिन्हा ने उक्त भूमि को आवंटित और कर्मचारियों से खाली कराए जाने को लेकर असमर्थता व्यक्त की।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने बैठक में कहा कि कार्रवाई के लिए अंतिम डेडलाइन की सूचना व्यापक रूप से प्रचारित प्रसारित कर दी जाए। 23 जुलाई को कार्रवाई अमल में लाई जाए। मौके पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल उपलब्ध कराया जाएगा। जिलाधिकारी सोनिका ने अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग को इस कार्रवाई के लिए 22 जुलाई की शाम तक 10 जेसीबी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उप जिलाधिकारी ऋषिकेश और उपप्रभागीय वनाअधिकारी को लोनिवि से समन्वय में बनाने के लिए कहा गया।वन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग शनिवार की सुबह दस बजे सभी को आवास खाली करने के लिए सूचित करेंगे। 23 जुलाई रविवार की सुबह आठ बजे से संयुक्त टीम के नेतृत्व में कार्रवाई शुरू होगी जिसमें आइडीपीएल के महाप्रबंधक और सक्षम अधिकारी मौके पर उपस्थित रहेंगे। जिलाधिकारी ने आइडीपीएल के महाप्रबंधक को सभी मशीनें व अन्य सामग्री को शनिवार तक हटाने के लिए निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देशित किया कि संयुक्त टीम के अधिकारी प्रतिदिन होने वाली कार्रवाई का अपडेट उपलब्ध कराएंगे। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा. शिव कुमार बरनवाल, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश सौरव असवाल, डिप्टी कलेक्टर मुख्यालय शालिनी नेगी, एसीएफ वन विभाग स्पर्श काला, महाप्रबंधक आइडीपीएल संजय कुमार सिन्हा, पुलिस क्षेत्राधिकारी डोईवाला एके शर्मा, डिप्टी मैनेजर आइडीपीएल अमित शर्मा, डिप्टी मैनेजर इलेक्ट्रिक आइडीपीएल राजीव कुमार सिंघल आदि मौजूद रहे।वहीं दूसरी ओर रेंज कार्यालय वन विभाग ऋषिकेश की ओर से बीते गुरुवार को कालोनी को खाली कराने के लिए क्षेत्र में वाहन के माध्यम से मुनादी कराने की कोशिश की। उपस्थित नागरिकों ने विभाग की टीम को बैरंग लौटा दिया और मौजूद कर्मचारियों से आदेश दिखाने को कहा। इस मामले में स्थानीय लोग ने ऋषिकेश स्थित रेंज कार्यालय पहुंचकर धरना दिया और विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया।

आवासीय कल्याण समिति की ओर से अध्यक्ष रामेश्वरी चौहान और सचिव सुनील कुटलैहडिया रेंज अधिकारी डीएस पुंडीर को ज्ञापन सौंपा।

आई डी पी एल कॉलोनी निवासियों ने आवास खाली करने को लेकर नगर निगम से त्रिवेणी घाट तक निकाली आक्रोश रैली, आईडीपीएल एवं कृष्णानगर कॉलोनी वासियों के लिए स्थाई निवास की मांग



ऋषिकेश, 29 जून । आवासीय कल्याण समिति एवं आई डी पी एल के समस्त निवासियों का धरना 12वें दिन भी जारी रहा एवं नगर निगम से त्रिवेणी घाट तक आक्रोश रैली निकालकर गांधी स्तंभ पर जन सभा की गई।

गुरुवार को गांधी स्तंभ पर सभा मे तय किया कि 1 जुलाई को बिजली पानी की कटौती को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए एवम आई डी पी एल कालोनी एवम कृष्णानगर के निवासियों का रहने का स्थायी समाधान किया जाए, यदि हमारी मांगे नही माँगी गई तो सभी कालोनी वासियों को कठोर निर्णय लेना पड़ेगा।आईडीपीएल निवासियों की स्थाई निवास की मांग है क्योंकि कर्मचारियों स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के स्थान पर जबरदस्ती सेवानिवृत्ति किया गया। उनका वेतन रिवाइवल नही किया गया।

रिटायरमेंट के बाद पूरा पैसा भी नहीं दिया गया अनेक अनियमिता कर्मचारियों के साथ हुईं। इस लिए स्थाई निवास न मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।कांग्रेस कमेटी और व्यापार सभा, उत्तराखंड क्रांति दल ने भी समर्थन दिया।

इस अवसर पर सुनील कुटलैहडिया, संदीप कुमार, रामेश्वरी चौहान,जयन्द्र रमोला, विनय सारस्वत, मदन मोहन शर्मा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा, व्यापार सभा अध्यक्ष ललित मोहन मिश्रा, रवि जैन आदि शामिल थे।