ऋषिकेश/ चमोली 24 अप्रैल। उत्तराखंड में भारत-चीन की सीमा पर सुमना के पास ग्लेशियर टूटने से एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की मार पड़ी है। ग्लेशियर टूटने की वजह से बीआरओ के दो लेबर कैंप इसकी चपेट में आए । घटना में दो लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। बीते रोज चमोली जिले के नीती घाटी के सुमना में बर्फबारी के बाद ग्लेशियर टूटने की घटना हुई थी। ग्लेशियर टूटने के बाद वहां फंसे 291 लोगों को अब तक बचाया गया है। सभी फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। वैली के निकट यह ग्लेशियर टूटा है। यह स्थान जोशीमठ से लगभग 94 किलोमीटर आगे है। भारतीय सेना की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक 291 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। सीएम तीरथ रावत ने जिले के सभी अधिकारियों कोोो अलर्ट रहने के लिए कह दिया और उन्होंनेेेेेे बताया कि वह जिला प्रशासन और बीआरओ के अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं उन्होंनेेे एनटीपीसी वह अन्य परियोजनाओं के रात्रि में कार्य पर रोक लगा दी गई हैै। और आईटीबीपी को सतर्क करने के लिए बोल दिया गया हैै।
सीएम ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने नीति घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना का तत्काल संज्ञान लिया है। उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड को पूरी मदद देने का आश्वासन दिया है।घटना के तुरंत बाद ही सेना ने रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया था। राहत व बचाव का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी से चमोली जिले में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। बदरीनाथ धाम में चार फीट और हेमकुंड साहिब में लगभग पांच फीट ताजी बर्फ जम गई है। बीते रोज चमोली जनपद से लगे भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र सुमना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप के समीप ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया था।
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