ऋषिकेश 28 अप्रैल – कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार चिन्ताजनक बन चुकी है। भय के कारण लोग लक्षण दिखने के बाद भी जांच कराने में कोताही बरत रहे हैं। लोगों की लापरवाही के कारण तीर्थ नगरी में गंभीर हालत वाले दर्जनों मरीज प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। लक्षण दिखने पर जांच कराने की जगह मर्ज छिपाकर खुद से इलाज करने वाले मरीज हालत गंभीर होने पर एम्स अस्पताल सहित हिमालयन अस्पताल जोली ग्रांट एवं देहरादून के बड़े निजी हॉस्पिटलों की और दौड़ लगा रहे हैं।दुःखद यह है कि अंतिम समय में अस्पताल पहुंच रहे कई मरीजों की इस कारण मौत हो रही है।
नेत्र चिकित्सक व विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े समाजसेवी डॉ राजे सिंह नेगी की मानें तो कोरोना वायरस की दूसरी लहर में वेरिएशन बदल चुका है। यह डबल म्यूटेशन के साथ लोगों की सेहत पर मार कर रहा है। ऐसी स्थिति में सही इलाज न मिलने से स्थिति चिंताजनक हो रही है।उन्होंने लोगों से भ्रम व लापरवाही छोड़कर जांच को प्राथमिकता देने की अपील की है। उन्होंने बताया बुखार, खांसी, जुकाम, सांस फूलना, शरीर में दर्द, आंखों में लाली महसूस होने पर तुरंत कोरोना जांच कराएं। जांच में लापरवाही जान मुश्किल में डाल रही है। लोग लक्षण दिखते ही कोविड-19 टेस्ट कराएं जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके व सही इलाज शुरू किया जा सके। लक्षण छिपाकर घरों में बैठे रहना व ऑक्सीजन लेवल कम होने के बाद अस्पताल दौड़ना खुद के लिए घातक है। डाक्टरों व मेडिकल संसाधनों की एक निश्चित सीमा है। लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
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