मुख्यमंत्री से वार्ता कर किराए बढ़ाए जाने की कि जाएगी मांग -सुधीर राय
ऋषिकेश,0 1मई । उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने सूबे के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा वाहनों के किराए में वृद्धि न किए जाने के बयान पर अपना कड़ा विरोध जताया है । महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि शासन द्वारा पूर्व में हमसे जानकारी मांगी गई थी, कि यदि गत वर्ष की भांति इस वर्ष कोरोना काल मे यात्री किराया ना बढा़या जाए, तो वाहनों का संचालन किस तरह हो सकता है। जिस पर हमारे द्वारा शासन को अवगत करा दिया गया था।
कि यदि सरकार नंबर 1 डीजल में राज्य सरकार का भाग वेट में अपना भाग छोड़ दे, तो वाहन स्वामियों को सस्ता डीजल मिलने से लागत में कमी आएगी ,नंबर दो वाहन स्वामियों को क्षतिपूर्ति के रूप में कम से कम ₹15000 प्रतिमाह देय हो नंबर 3 वाहनों का टैक्स माफ हो नंबर 4 चालक परिचालकों को कम से कम रुपए 5000 प्रतिमाह दिया जाए ,तब जाकर वाहन 50% क्षमता पर बिना किराया वृद्धि के संचालित हो सकता है। परंतु शासन ने बिना इस पर गौर किए ही, किराया वृद्धि न होने का फरमान जारी कर दिया ।जो कि गलत है। गत वर्ष करोना काल में शासन, सरकार और परिवहन संस्थाओं के प्रतिनिधियों की कई दौर की बैठकों के पश्चात यह किराया वृद्धि का निर्णय लिया गया था ।
महासंघ अध्यक्ष सुधीर राय ने बताया कि समस्त परिवहन संस्थाओं द्वारा यह निर्णय लिया गया। कि यदि सरकार किराया वृद्धि का प्रस्ताव वापस नहीं लेती है ।तो 50% क्षमता में वाहनों का संचालन असंभव हो जाएगा ।जिससे मजबूरन वाहन स्वामी अपनी वाहनों को आरटीओ कार्यालय में सरेंडर कर देगा ।इसका सीधा-सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। जैसे वर्तमान में यदि कोई व्यक्ति श्रीनगर जाता है, तो ऋषिकेश से श्रीनगर किराया रुपए डेढ़ सौ है ।परंतु 50% क्षमता में किराया रुपए 300 हो जाता है। यदि वाहनों का संचालन बंद हो जाता है ।तो मजबूरन यात्रियों को वाहन बुक कर जाना पड़ेगा ।जो की छोटी गाड़ी जिसमें 4 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था होती है, 50% यात्री क्षमता के हिसाब से दो व्यक्ति ही बैठ पाएंगे ।और वहां का किराया कम से 25 सो रुपए होगा इस स्थिति में एक व्यक्ति को रुपए 900 अतिरिक्त चुकाने पड़ेंगे ।अतः सरकार को चाहिए कि अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।अब वाहन स्वामियों की आस प्रदेश के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य से है जिन्होंने यह भरोसा दिलाया है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से वार्ता कर उन्हें समझाने का प्रयास किया जाएगा।