ऋषिकेश चंदेश्वरनगर में शवों के अंतिम संस्कार के लिए बन रहा है एक और प्लेटफार्म, देवभूमि केसरी की खबर का हुआ असर

देवभूमि केसरी की खबर का हुआ असर

तीर्थ नगरी ऋषिकेश में  मरने वाले लोगों की बढी संख्या को देखते हुए श्मशान घाट में जगह का पड़ा अभाव

ऋषिकेश ,02 मई ।ऋषिकेश तीर्थ नगरी में कोरोना संक्रमित शहीद सामान्य बीमारियों से होने वाली मौतों के कारण चंद्रेश्वर नगर स्थित मुक्तिधाम में शवों की चिता जलाकर का अंतिम संस्कार किए जाने के लिए जगह के अभाव को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने उसका संज्ञान लेते हुए मुक्तिधाम में ही एक अन्य नए प्लेटफार्म का निर्माण करवाना प्रारंभ कर दिया है। मुक्तिधाम के व्यवस्था प्रमुख अनिल किंगर का कहना है कि अभी तक मुक्ति धाम में दो प्लेटफार्म पर आने वाले शवों की चिताओं को जलाकर अंतिम संस्कार किया जाता रहा है। परंतु कोविड-19 के कारण मृतकों की संख्या के अचानक पिछले 15 दिनों से बढ जाने के कारण शव जलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था ।इसी के साथ इन्ही प्लेटफार्मों पर कोविड-19 वाले लोगों के शव भी जलाए जा रहे थे ।हांंलाकी यह शव शाम को 5:00 बजे के बाद प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए जलाए जाते थे। जिसका उन लोगों द्वारा विरोध किया जाना शुरू कर दिया था ,जो कि अगले दिन अपने मृतक अस्थियों को.चुगने के लिए मुक्तिधाम आ रहे थे ।इसी के साथ मृतकों के शवों को स्थान के अभाव में खुले में भी जलाना पड़ रहा था। जिससे धूप और बारिश के कारण लोगों को परेशानी हो रही थी। जिसे देखते हुए एक अन्य 40 बाई 40 के प्लेटफार्म का निर्माण किया जा रहा है।

जिससे लोगों को काफी सुविधा मिलेगी ।इस प्लेटफार्म पर भी सात से आठ शव जलाए जा सकतें हैं। इसी के साथ तहसील प्रशासन मृतकों के अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर सक्रिय हो गया है। उप जिलाधिकारी के आदेश पर ऋषिकेश तहसीलदार डॉ. अमृता शर्मा ने बताया कि श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार को लेकर आज निरीक्षण किया गया ,जिसमें मृतक के दाह संस्कार से लेकर मृतक के दाह संस्कार हेतु आने वाले लोगों की सुविधा हेतु टीन शेड ,पीने के पानी, शौचालय व प्लेटफार्म का निरीक्षण किया गया। इसी के साथ तहसील कर्मचारियों ने श्मशान घाट पर बन रहे, नए प्लेटफार्म का भी निरीक्षण किया।

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