सरकार में स्वास्थ्य मंत्री की कुर्सी खाली होने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई


बिना स्वास्थ्य मंत्री की वजह से हुआ बेलगाम
स्वास्थ्य महकमा- डॉ राजे सिंह नेगी

ऋषिकेश-कोरोना की दूसरी भंयकर हो चली लहर ने उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवा की पूरी तरह से पोल खोलकर रख दी है। प्रदेश के तमाम कोविड अस्पताल सुविधाओं के अभाव में सफेद हाथी साबित हो रहें हैं।बेपटरी हो चली राज्य की स्वास्थ्य सेवा के लिए आम आदमी पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी डॉ राजे सिंह नेगी ने उत्तराखंड सरकार में स्वास्थ्य मंत्री की कुर्सी का खाली होना बताया है।

पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी समाजसेवी डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखंड के नये नवेले मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यदि राज्य के स्वास्थ्य विभाग की कमान खुद ही संभालने के बजाय यदि अपने मंत्रीमंडल के किसी अन्य काबिल मंत्री को सौंपी होती तो इस कोरोनाकाल में स्वास्थ्य सेवा का इतना बुरा हाल नही हुआ होता।लेकिन उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंंद्र सिंह रावत की बिना स्वास्थ्य मंत्री की परिपाटी को ही कायम रखा। नतीजतन, कोविड 19 को मचे हाहाकार के बीच लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं भी मयस्सर नही हो पा रही हैं।विडंबना यह भी है कि इस गंभीर समस्या का शिकार खुद सरकार के मंत्रियों और विधायकों के रिश्तेदारों को भी होना पड़ रहा है।डॉ नेगी के अनुसार पिछले चार साल से बिना स्वास्थ्य मंत्री के चल रही भाजपा सरकार में राज्य का बेलगाम स्वास्थ्य महकमा लगातार नियमो को ठेंगा दिखा कर करोड़ो रूपये का सामान क्रय करता रहा है जिसको लेकर विपक्ष से लेकर खुद भाजपा के विधायक भी सवाल खड़े करते रहे हैं लेकिन सरकार की नजरें इनायत न हो सकी।अब हालत यह है कि स्वास्थ विभाग के अधिकारी और भी ज्यादा बेलगाम हो गये हैंं। राज्य में स्वास्थ्य मंत्री ना होने के चलते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पूरे महकमे को चला रहे हैं। कोविड की भयावह स्थिति में भी सरकारी धन की जमकर बंदरबांट की जा रही है। उन्होंने कहा यदि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर होती तो आज हालात इस कदर बदतर न हुए होते।

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