अखिलेश यादव के “माफिया बनाम मठाधीश” टिप्पणी से भड़का संत समाज, संतों ने फूंका पुतला, उत्तराखंड में प्रवेश नहीं करने देने की दी चेतावनी 


ऋषिकेश 23 सितंबर । यूपी के मुख्यमंत्री और भाजपा के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ पर अखिलेश यादव की ओर से की टिप्पणी से यूपी से लेकर उत्तराखंड के संत समाज में नराजगी पैदा हो गई है। 

सोमवार को संत समाज की गंगा किनारे स्थित ब्रह्मपुरी स्थित श्री राम तपस्थली आश्रम में महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास जी महाराज की अध्यक्षता में।एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें अखिलेश यादव द्वारा योगी आदित्यनाथ के लिए ‘मठाधीश और माफिया में कोई फर्क नहीं होता’ वाली टिप्पणी को लेकर आक्रोश व्यक्त किया गया तथा साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अखिल भारतीय संत समिति विरक्त वैष्णव मंडल संत समाज के द्वारा अखिलेश यादव का पुतला दहन किया गया । साथ ही उनको चेतावनी दी कि अगर उन्होंने अपने बयान के लिए संतों से सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगी, तो वह अखिलेश यादव का पूरे देश में पुतला फूंकेंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए सांसद अखिलेश यादव द्वारा की गई टिप्पणी से संत समाज पूरे देश में धरना-प्रदर्शन कर रहा है।

इस अवसर पर विरक्त वैष्णव मंडल के अध्यक्ष महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने कहा कि अखिलेश संतों से माफी मांगें। श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हमारे सनातन धर्म के प्रहरी संतों के बारे में जिस प्रकार की टिप्पणी की है, वह बहुत ही अशोभनीय है. हम उनकी निंदा करते हैं, उन्हें सारे संत समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अब अखिलेश यादव टिप्पणी को लेकर लीपा-पोती कर रहे हैं यदि उनके द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी जाती है तो हम उनको उत्त्तराखण्ड में प्रवेश नहीं करने देंगे।

तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा योगी आदित्यनाथ का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा संत समाज, अगर उन्होंने ये टिप्पणी योगी आदित्यनाथ पर की है, तो वो संत समाज का अपमान है, क्योंकि योगी आदित्यनाथ गोरखपुर मठ के महंत हैं और राजनेता बाद में है।

साध्वी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती ने कहा कि संत समाज गोरखपुर मठ के महंत योगी आदित्यनाथ का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा. चाहे हमारे प्राण क्यों ना चले जाएं हम संतों का अपमान नहीं सहेंगे।

स्वामी उमेशानन्द सरस्वती स्वामी आलोक हरि महाराज ने भी नाराजगी जाहिर की है।

इस अवसर पर महंत महावीर दास महंत प्रमोद दास महंत राजू दास महंत करुणाशरण महंत छोटन दास महाराज महंत रविंद्र दास महंत कन्हैया दास महंत श्यामसुंदर दास मयंक स्वामी चक्रपाणि आदि संत उपस्थित रहे।


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