ऋषिकेश 03 अप्रैल। चैत्र नवरात्रि के षष्ठी तिथि पर मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा दिवस पर तीर्थ नगरी ऋषिकेश में भी मां कात्यानी मंदिर में माँ की पूजा अर्चना के साथ माँ का संकीर्तन हुआ।
बताते चलें चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, सौभाग्य योग, कौलव करण, दक्षिण का दिशाशूल और वृषभ राशि में चंद्रमा होता है। कात्यायन ऋषि की भक्ति से प्रसन्न होकर मां दुर्गा उनकी पुत्री के रूप में प्रकट हुईं, इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा. चार भुजाओं वाली कात्यायनी देवी सिंह पर सवार होती हैं. इनकी पूजा गोधूली वेला करना उत्तम होता है. भोग में माता को शहद प्रिय है. इनकी कृपा से भक्तों को सफलता, यश और शत्रुओं पर विजय मिलती है. इनकी पूजा के लिए मंत्र मां देवी कात्यायन्यै नमः है।
गुरुवार को शीशम झाड़ी स्थित कात्यायनी मंदिर में प्रातः से ही पूजा अर्चना के साथ संकीर्तन के साथ पूजा अर्चना की गई। सुबह से ही सेकड़ो लोगो द्वारा लम्बी कतार के साथ दर्शन के लिये पहुँचे साथ माँ की पूजा और आशीर्वाद लिया सभी ने आज के दिन समस्त मंडली द्वारा अपनी हाज़री प्रस्तुत की और सहारनपुर से आए राणा एन्ड पार्टी द्वारा माँ की भेटे गायी गई प्यारा सजा है तेरा दरबार, माँ मुरादें पूरी कर्दें हलवा बाटूंगी, मे बालक तू माता शेरावालिये, आदि विभिन्न भजनो जी प्रस्तुति दी माँ का सुबह से ही अटूट भंडारा प्रसाद सेकड़ो की संख्या मे भक्तो ने प्राप्त किया।
इस मौके पर सस्था के अध्यक्ष गुरविंदर सालूजा ने बताया की मन्दिर वर्ष मे दो बार माँ के नवरात्री आदि कार्यक्रम करता हैँ जिसे की धार्मिक आस्था का संचार होता रहें भक्तो को आशीर्वाद मिलता रहें
इस अवसर पर नमिता सलूजा, अभिषेक शर्मा, सुधीर कालरा,महंत रविप्रपन्नचार्य, रमाकांत भारद्वाज, राम चौबे, तृप्ति कालरा, परमेश्वर,गुलाब सिँह, गजेंदर आदि उपस्थिति थे।
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