ऋषिकेश, 14 मई । देशभर में फैले कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष आयोजित ऋषिकेश के ग्राम देवता भरत मंदिर में आयोजित अक्षय तृतीय महोत्सव सादगी पूर्वक तरीक़े से मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने सांंकेतिक रूप से मंदिर की परिक्रमा की ।यह जानकारी भरत मंदिर के मंहत वत्सल प्रपन्नाचार्य ने देते हुए बताया कि देशभर में फैले कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई ,कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिर की परिक्रमा किये जाने की 10 लोगों को ही अनुमति दी गई।
ज्ञात रहेे कि सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का काफी महत्व बताया गया है ,इसी दिन भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है। तो वही उत्तराखंड के विश्वविख्यात चार धामों में गंगोत्री भगवान इसी दिन आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा उत्तराखंड की यात्रा के दौरान मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा हिंदुओंं के मंदिरोंं पर किए गए हमलों के बाद क्षतिग्रस्त की गई ,मूर्तियो में से भगवान हृषिकेश की माया कुण्ड क्षेत्र में छिपाकर सुरक्षित रखी गई ,मूर्ति को निकालकर मंदिर में स्थापित किया गया था।
इसलिए कहा गया कि अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगा स्नान करने के उपरांत जो भी श्रद्धालु श्रद्धा पूर्वक मंदिर की 108 परिक्रमा करेगा ,उसेे वही फल प्राप्त होगा। जोकि भगवान बदरी विशाल के दर्शन प्राप्त से होता है। इसी महात्म् को देखतेे हुुुए अक्षय तृतीया पर श्रद्धालु श्रद्धा भाव के साथ सुबह चार बजे से ही मंदिर की परिक्रमा करते. हैं। जिसके उपरांत मंदिर मे श्रद्धालुओं को प्रसाद के रुप मे सत्तू का प्रसाद भी दिया जाता है।
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