ऋषिकेश,0 2 जुलाई ।राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बब्बन रावत ने कहा कि उत्तराखंड में स्वच्छता कर्मचारियों की हालत अन्य प्रदेशों की अपेक्षा बहुत अच्छी है ।जिनके रहन-सहन के साथ उन्हें भारत सरकार द्वारा दी जा रही, श्रम विभाग के नियमानुसार वेतन का भुगतान भी किया जा रहा है। इसी के साथ उन्होंने सीवर के अंदर कार्य करने वाले कर्मचारियों को दुर्घटना के उपरांत दस लाख की आर्थिक सहायता दिए जाने का अधिकारियों को निर्देश भी दिये।
शुक्रवार को नगर निगम के सभागार में आयोजित नगर निगम के मुख्य आयुक्त नरेंद्र सिंह क्यूवरियाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान आयोग के उपाध्यक्ष बब्बन रावत ने बताया कि वह सफाई कर्मचारियों की उत्तराखंड में शैक्षिक सामाजिक के साथ आर्थिक स्थिति का आकलन करने के लिए 4 दिन से दौरे पर आए हैं ।इस दौरान उन्होंने रुड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून के अधिकारियों के साथ सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को भी सुना। जिस के संबंध में वह भारत सरकार को अवगत कराएंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अन्य प्रदेशों की अपेक्षा भौगोलिक स्थिति के अनुसार प्रस्थिती विपरीत है। जहां राष्ट्रीय स्तर पर आई कोविड-19 जैसी आपदा के दौरान सफाई कर्मचारीयो ने बढ़ चढ़कर सामना कर उसका मुकाबला किया है। इसमें सफाई कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में सफाई व्यवस्था बहुत सुंदर है ।अगर उसके बावजूद भी सफाई कर्मचारियों को नगर निगम द्वारा दी जाने वााली कार्य करने के लिए टूल किट की आवश्यकता है। तो वह उपलब्ध करवाई जाएगी ।
सफाई कर्मचारियों ने भी नगर निगम द्वारा की जा रही व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया। बब्बन रावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सफाई कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित वेतन को उसी हिसाब से दिया जाए । जिसका ध्यान भारत सरकार द्वारा रखा गया है ।क्योंकि समाज नेसफाई कर्मचारीयों को समाज की सबसे कमजोर कड़ी में रखा है ।
उन्होंने निगम में ठेका व्यवस्था को समाप्त किए जाने पर कहा कि यह नीतिगत मामला है ।जिस के संबंध में भारत सरकार से बातचीत की जाएगी ।इस अवसर पर जल निगम के अधिशासी अभियंता हरीश बंसल, नगर निगम के सहायक आयुक्त एम एल दास, विनोद लाल सहा, सचिन रावत ,अभिषेक मल्होत्रा के अतिरिक्त अन्य सफाई कर्मचारी भी मौजूद थे।
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