देहरादून 2 जुलाई ।उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बनने वालों को अपना कार्यकाल शायद ही पूरा करने को मिलेगा। अब तक का रिकॉर्ड तो यही बताता है कि एक नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर कोई दूसरा ऐसा नेता सक्षम नहीं हो पाया जो अपना कार्यकाल पूरा कर ले। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अभी अपना कार्यकाल पूरा किए हुए 100 दिन ही हुए थे ।
उत्तराखंड में राजनीतिक सरगर्मी तेज़ हो गई है. CM के देहरादून लौटने पर हलचल तेज़ हो गई है। देहरादून में बीजेपी के विधायक जुटने लगे हैं. सूत्रों के मुताबिक, अगले 24 से 36 घंटे में विधानमंडल दल की बैठक हो सकती है । मुख्यमंत्री तीरथ कल राज्यपाल से मिल सकते हैं.
मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत ने कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया कहती है कि सीएम को किसी सदन का सदस्य होना चाहिए और जब विधानसभा चुनावमें एक साल बचा हो तो उपचुनाव नहीं कराया जा सकता इसलिए मैं पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
बताया जा रहा है कि उपचुनाव ना होने के कारण उनके मुख्यमंत्री पद पर संवैधानिक संकट आ खड़ा हुआ था और क्यों की विधानसभा चुनाव होने में अब 1 साल से भी कम का समय रह गया था तथा उप चुनाव नहीं कराए जा सकते थे। ऐसे हालात में वह मुख्यमंत्री नहीं बने रह सकते थे और विपक्ष भी लगातार इस मुद्दे को लेकर प्रकार हो रहा था।
2 दिन से दिल्ली और उत्तराखंड के बीच राजनीति गर्मआ रही थी जिसका आज पटाक्षेप हो गया। अब उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर भी कई नाम सामने आ रहे हैं जिनमें सबसे मजबूत नाम सतपाल महाराज हैं।
फिलहाल उत्तराखंड की राजनीति एक मजाक बनकर रह गई है और यहां मुख्यमंत्रियों को बदलना मौसम बदलने के समान हो गया है। बार-बार मुख्यमंत्री बदलने से भारतीय जनता पार्टी की विश्वसनीयता भी प्रदेश के अंदर प्रभावित हो रही है जिसका असर निश्चित तौर पर आने वाले चुनावों में भी पड़ेगा।
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