हरेला पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक -अनिता ममगाई
ऋषिकेश, 16 जुलाई ।उत्तराखंड सरकार के हरेला पर्व पर वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत ऋषिकेश नगर निगम द्वारा निर्धारित लक्ष्य 2000 पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में 2430 पौधों का रोपण किया गया। शुक्रवार को नगर निगम आयुक्त नरेंद्र सिंह क्यविरियाल के संचालन में आयोजित हरेला पर्व के दौरान चंद्रभागा के स्मृति वन, संजय झील, बापू ग्राम, श्यामपुर बाईपास मार्ग ,गुमानीवाला सहित अन्य स्थानों पर भी फल व औषधिय पेडो के साथ छाया दार पौधों का रोपण किया गया।
कार्यक्रम का प्रमुख आर्कषण रम्भा नदी का उद्गम स्थल जहां जहां संतों एवं महंतों की गरिमामय उपस्थिति में प्रकृति तले गायत्री मंत्रों के बीच विधिवत पूजा अर्चना के साथ महापौर अनिता ममगाई ने विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण कराया।
नगर निगम आयुक्त ने बताया कि इन पौधों की सुरक्षा के लिए जिन क्षेत्रों में पौधारोपण किया गया है। वहां तार बाढ भी लगाई जा रही है ।जिससे यह पौधे सुरक्षित रह सके। उन्होंने बताया कि हरेला पर्व के चलते आज ऋषिकेश व ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस अभियान को चलाया जा रहा है। जिसमें स्थानीय नागरिकों की भी भागीदारी रही है। उनका कहना था कि बरसात से पूर्व लगाए गए पौधे फली भूत होते हैं।
इस अवसर पर महापौर ने कहा कि लोकपर्व हरेला प्रकृति से जुड़ाव एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के साथ ही बेहतर जीवन जीने का भी मार्गदर्शन करता है। हरेला हरियाली तथा ऋतुओं का पर्व है हमें प्रकृति संरक्षण व प्रेम की अपनी संस्कृति, तथा उत्सवों को मनाये जाने की परम्परा को बनाए रखना होगा।
शुक्रवार को हरेला पर्व का महापौर अनिता ममगाई ने रंम्भा नदी पर बड़ी संख्या में लोगों की मोजुदगी में शुभारंभ किया।इस अवसर पर महापौर ने कहा कि पर्यावरण को समर्पित हरेला पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है। यह त्यौहार संपन्नता, हरियाली, पशुपालन और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। श्रावण मास में हरेला पूजने के उपरांत पौधे लगाए जाने की प्रदेश की परंपरा रही है।उन्होंने कहा कि हरेला पर्व हमें पर्यावरण से जोड़ता है। पर्यावरण का संरक्षण उत्तराखंड की संस्कृति में रहा है। उन्होंने कहा कि जीवन बचाने के लिए पौधरोपण जितना जरूरी है। उतना ही जरूरी इनका संरक्षण भी है। यदि हम पर्यावरण संरक्षण के लिए सजग नहीं रहेंगे तो पृथ्वी पर जीवन का बचना बहुत मुश्किल हो जायेगा।
कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे परमार्थ निकेतन के परम अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने अपने संबोधन में कहा कि, वनों से हमें अनेक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ मिलते हैं। अनेक प्रकार की जड़ी-बूटियां मिलती हैं। जिनका प्रयोग औषधियां बनाने में किया जाता है। भारत में लाखों लोग वनों पर आधारित उद्योगों में कार्य कर आजीविका चलाते हैं। हरेला पर्व पर फलदार व कृषि उपयोगी पौधा रोपण की परंपरा है। हरेला केवल अच्छी फसल उत्पादन ही नहीं वरन ऋतुओं के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है। कार्यक्रम के उपरांत महापौर द्वारा तमाम संतों एवं महंतों को गिलोय का पौधा भेंट
किया गया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज,शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप भारती महाराज,रामानुजाचार्य गोपालाचार्य महाराज,महंत लोकेश दास महाराज,तुलसी मानस मंदिर के अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री,ब्रह्मानंद महाराज,आत्मानंद महाराज अखंडानंद महाराज,साध्वी यशोदा ,महंत सुखविंदर स्वतंत्रा चैतन्य,चैतली चैतन्य, रजनी बिष्ट मण्डल अध्यक्ष महिला मोर्चा वीरभद्र मण्डल,नेहा नेगी सदस्य उत्तर रेलवे बोर्ड, यशवंत रावत अध्यक्ष किसान मोर्चा, राजीव गुप्ता जिला संयोजक चुनाव प्रबंधन, ममता नेगी जिला मंत्री महिला मोर्चा, अक्षय खैरवाल जिला उपाध्यक्ष युवा मोर्चा, प्रकान्त कुमार प्रदेश संयोजक स्वच्छता समिति, सुनीता नौटियाल जिला सह संयोजक सोशल मीडिया प्रभारी महिला मोर्चा,जिला सह संयोजक धार्मिक प्रकोष्ठ मदन कोठारी , विकास सेमवाल,धीरेंद्र कुमार, हेमलता चौहान, तनु रस्तोगी, राजपाल ठाकुर,कुलदीप टण्डन,प्रवेश कुमार, किशन मण्डल, निर्भय गुप्ता, रूपेश गुप्ता, शालिनी चौहान, पुरूषोत्तम भद्री, गौरव केथोला, जोनी लाम्बा, रणवीर सिंह,राजेश कोटियाल, नरेंद्र शर्मा गंगा रक्षक दल, बृजपाल राणा, प्यारे लाल जुगलान, पूर्ण पंवार, सुनील साही, विपिन कुकरेती, कुसुम लता, देवेश्वरी, विजय बडोनी, कमला गुनसोला, लक्ष्मी रावत, राधा रमोला, चेतन चौहान, प्रभाकर शर्मा, रूपा देवी, कमलेश जैन, पार्षद,पंकज शर्मा जिला मंत्री भाजपा, डी पी रतूड़ी , रंजन अंथवाल, परीक्षित मेहरा, दीपक कुमार, अरविंद गुप्ता आदि मोजूद रहे।
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