हरिद्वार जिले में स्लाटर हाउस बंद किए जाने का ऋषिकेश के संतों ने किया स्वागत


हरिद्वार जिले में स्लाटर हाउस बंद किए जाने का ऋषिकेश के संतों ने किया स्वागत

ऋषिकेश 24 जुलाई ।उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार जिले में सरकार की ओर से स्लॉटर हाउसों को संपूर्ण रूप से बंद करने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को तीन सप्ताह में प्रति शपथपत्र पेश किए जाने के दिए गए आदेश के बाद हरिद्वार ऋषिकेश के संतों में हर्ष देखा जा रहा हैैैै।

जिन्होने हरिद्वार में स्लॉटर हाउस को बंद किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हाई कोर्ट द्वारा दिया गया निर्णय पूरे देश के संत समाज में खुशी देखी जा रही है क्योंकि हरिद्वार पूरे देश का धार्मिक स्थल ही नहीं अपितु श्रद्धा का केंद्र भी है जहां मांस मदिरा स्लाटर हाउस को राज्य सरकार को भी पूरी तरह प्रतिबंधित कर देना चाहिए ।

हरिद्वार जयराम आश्रम पीठाधीश्वर ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा स्लॉटरहाउस बंद किए जाने के संबंध में किए गए अपने निर्णय ने संतों में स्लॉटरहाउस को लेकर असमंजस की स्थिति को साफ कर दिया है उन्होंने कहा कि हरिद्वार ही नहीं अपितु पूरे कुंभ मेला क्षेत्र को ही मांस मदिरा की बिक्री की बिक्री पर प्रतिबंध लगना चाहिए क्योंकि कुंभ मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं पर इस प्रकार की अवैध वस्तुओं के बिक्री के कारण क्षेत्रों की धार्मिकता पर भी प्रभाव पड़ता है।

वही षड दर्शन अखिल भारतीय सनातन साधु समाज के प्रदेश अध्यक्ष महंत बाबा भूपेंद्र गिरी ने हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय का स्वागत किया है उन्होंने कहा कि यह निर्णय जनहित में काफी लाभकारी रहेगा और धार्मिक स्थानों की गरिमा भी बनेगी उन्होंने भी पूरे क्षेत्र में मांस मदिरा की बिक्री को प्रतिबंधित किए जाने के साथ कड़े कानून बनाए जाने की वकालत की है।

ऋषिकेश मायाकुंड स्थित तारा मंदिर के श्री महंत संध्या गिरी ने कहा कि उनके द्वारा पहले से ही ऋषिकेश हरिद्वार में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की जा रही थी जो कि अब साकार होती नजर आ रही है ।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

मामले के अनुसार मंगलौर निवासी इफ्तिकार और अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने मार्च 2021 में शासनादेश जारी कर हरिद्वार जिले में स्लॉटर हाउस पूर्ण रूप से बंद कर दिए जबकि पहले धार्मिक स्थलों तक ही यह आदेश लागू था।

याचिका में कहा गया कि सरकार धार्मिक क्षेत्रों में मांस की बिक्री प्रतिबंधित कर सकती है लेकिन पूरे जिले में स्लॉटर हाउसों को बंद नहीं कर सकती है। यह उनका सांविधानिक अधिकार है। सरकार का यह आदेश अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने वाला है। याचिकाकर्ता ने 21 जुलाई को बकरीद को देखते हुए स्लॉटर हाउसों को बंद करने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *