ऋषिकेश, 24 जुलाई । ऋषिकेश के तमाम आश्रमों में आयोजित गुरु पर्व पर गुुरु पजन के लिए भक्तोंं मेें जबरदस्त उत्साह रहा ,जिसकी तैयारियां पिछले कई दिनोंं से की जा रही थी । गुरु पर्व के अवसर पर देश-विदेश से आने वाले अपने गुरुओं के आश्रम में शिष्यों द्वारा अपने गुरुओं का पूजन धूमधाम से कर गुरु मंत्र लिया गया।
ऋषिकेश में श्री जयराम अन्य क्षेत्र में पीठाधीश्वर ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने देश-विदेश से पहुंचे भक्तों को गुरु पूर्णिमा पर्व की शुभकामनाएं और बधाइयां दी।
मायाकुंड स्थित भगवान गिरी आश्रम में महंत बाबा भूपेंद्र गिरी के निर्देशन में प्रात रुद्राभषेक के साथ प्रातः 8:00 बजे गुरु का पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। वही गुरुओं द्वारा नए शिष्यों को गुरु मंत्र देकर दीक्षित भी किया गया।
गुरु पूजन के उपरांत भगवान आश्रम के मंंहत बाबा भूपेंद्र गिरी ने गुरु शिष्य की परंपरा केेे बारे में बताते हुए कहा कि वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास ने गुरु शिष्य की परंपरा के संबंध में विस्तार से बताया कि दो शब्दों से बने गुरु का मतलब गु माने अंंधकार और रू माने प्रकाश है जो कि मनुष्य मनुष्य को अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाता है । जो कि अपने शिष्य के कल्याण की ही चिंता करता है। भगवान आश्रम में गोपाल विरमानी ,जतिन विरवानी ,गुरप्रीत सिंह सोनू ,जगमोहन विरवानी ,मनोहर लाल शर्मा आदि भक्तगण मौजूद रहे।
उधर जयराम आश्रम में आयोजित गुरु पूजन कार्यक्रम भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना रहा। महाराज श्री का आशीर्वाद लेने नगर निगम महापौर अनीता ममगाई भी गुरु पूर्णिमा पर्व की बधाई देने आश्रम पहुंची। कार्यक्रम के दौरान आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने भक्तों को आशीर्वचन के रूप में बच्चों को अच्छे संस्कार देने की अपील की। कहा कि वर्तमान समय में बच्चे नशे की लत में फंसते हुए देखे जा रहे हैं। जो कहीं ना कहीं संस्कारों की कमी है।
आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने गुरु पूजन की परंपरा पर भी प्रकाश डाला। कहा कि वेदव्यास जी ने भगवान विष्णु से आशीर्वाद मांगा था कि उनकी भी पूजा अर्चना होनी चाहिए। तब भगवान विष्णु ने उन्हें गुरु पूजन के दिन वेदव्यास जी के रूप में पूजे जाने का आशीर्वाद मिला था। तभी से गुरु शिष्य की परंपरा और गुरु पूजन के प्रथा शुरू हुई। इस दौरान भक्तों ने गुरु के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर जयराम आश्रम में बीएम बडोनी प्रदीप शर्मा विनोद अग्रवाल अशोक शर्मा प्रदीप महाराज, गंगाराम आडवाणी, बच्चन पोखरियाल ,नवीन शर्मा आदि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर तारा माता मंदिर में संध्या गिरी उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि एक तू ही है जो कि समाज को तक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है क्योंकि वह निस्वार्थ भाव से अपने शिष्य के साथ बंधा है।
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