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ऋषिकेश महापौर ने अपने चेतावनी को किया कार्यवंतित, सुबह का सूरज उगने से पहले ही त्रिवेणी घाट पर जूता घर को ध्वस्त कर खाली जगह पर चलाए पटाखे


2 दिन पूर्व एमडीडीए अधिकारियों को नगर निगम महापौर ने  सामाजिक संस्थाओं के द्वारा लगातार आह्वान पर दी थी चेतावनी

ऋषिकेश 08अगस्त। ऋषिकेश की हृदय स्थली त्रिवेणी घाट पर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा कुछ समय पूर्व एक जूता घर का निर्माण कराया गया था। जोकि वहां पर स्थित एक माता के मंदिर के सामने और त्रिवेणी घाट आने वाले श्रद्धालु के प्रवेश द्वार पर पड़ता था। जो कि स्थानीय श्रद्धालुओं और जनता की धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहा था।

जिसको लेकर त्रिवेणी घाट व्यापार  मंडल, छठ पूजा संस्था त्रिवेणी घाट पर और गंगा सभा द्वारा लगातार महापौर को पत्राचार किया जा रहा था।

जिसको लेकर नगर निगम महापौर ने 2 दिन पूर्व 5 अगस्त को त्रिवेणी घाट पर एमडीडीए द्वारा निर्मित राष्ट्रीय तिरंगा ध्वज अनावरण कार्यक्रम में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि उक्त जूता घर के निर्माण को 2 दिन में ध्वस्त कर दिया जाए नहीं तो उन्हें  मजबूरन कार्रवाई के लिए विवश होना पड़ेगा।

जिसको अपने अंजाम तक पहुंचाते हुए आज सुबह का सूरज उगने से पहले ही  श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए और उनकी लंबे समय से जूता घर को ध्वस्त करने की मांग को पटाक्षेप देते हुए जूता घर को ध्वस्त कर दिया गया ।और खाली जगह को सफाई कर उस स्थान पर पटाखे जलाकर जश्न मनाया गया।

बताते चलें कि जूता घर को लेकर जिस तरीके से सियासत रंग ला रही थी उसी कड़ी में वहा की क्षेत्रीय पार्षद द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के कार्य अधिकारी ओर  देहरादून विकास प्राधिकरण को एक पत्र भी लिखा था जिसमें उन्होंने उक्त जूता घर को लॉकर में परिवर्तित करने का सुझाव दिया था।
जिससे यह सवाल उठने लगा था कि क्या क्षेत्रीय पार्षद को पिछले इतने समय से जूता घर को लॉकर में परिवर्तित करने का ध्यान नहीं आया था ?
क्या उनको यह ध्यान केवल नगर निगम महापौर द्वारा जूता घर को अगले 2दिन में ध्वस्त करने की चेतावनी के बाद ही आया था?


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