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हरियाली तीज पर झूला झूल कर महिलाओं ने एक दूसरे को दीर्घायु होने की शुभकामनाएं दी, धरती पर हरियाली और परिवार में खुशहाली के लिये नारी शक्ति का अद्भुत योगदान -संतोष गौड़


ऋषिकेश. ,11 अगस्त । हरियाली तीज के अवसर पर महिलाओं ने झूला झूल कर हरियाली तीज की शुभकामनायें दीर्घायु होने की कामनाएं की ।  मेरे बचपन स्कूल की प्रधानाचार्य संतोष गौड़ ने अपने संदेश में कहा कि धरती पर हरियाली और परिवार में खुशहाली के लिये नारी शक्ति का अद्भुत योगदान है। उन्होंने कहा कि ‘हरियाली तीज’ हरियाली संर्वद्धन का प्रतीक है।

महिलायें, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन, संरक्षण और संवर्द्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इसी संदेश के साथ आने वाली पीढ़ियों को पोषित करना जरूरी है। वही ममता पाल ने कहा कि पवित्र श्रावण माह पर्यावरण संरक्षण, प्रार्थना और प्रेम का प्रतीक है। यह माह भगवान शिव को समर्पित है। साधना, पूजा और प्रार्थना को समर्पित है। वहीं दूसरी ओर श्रावण माह उमंग और उत्साह का भी प्रतीक है।

मातायें श्रावण माह की तीज को परिवार की सुख-समृद्धि के लिये हरियाली तीज का उत्सव मनाती है। इस माह में प्रकृति अपने पूर्ण यौवन में रहती है; धरती की गोद में नवांकुर आते हैं ।और धरती के इस सौन्दर्य को हरियाली तीज चार चांद लगा देती है।

श्रीमती  ममता पाल ने कहा कि हरियाली तीज पर महिलायें अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। श्रावण माह के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनायी जाती है। हिन्दू धर्म ग्रंथों एवं पौराणिक कथाओं के अनुसार हरियाली तीज के शुभ अवसर पर देवी पार्वती जी ने भगवान शिव का वरण किया था।

इसलिये आज के दिन सुहागिन महिलायें हरे वस्त्र, हरी चुनरी और हर श्रृृंगार करके झूला झूलती हैं। यह हरा रंग प्रकृति की प्यारी सी चुनरी है। महिलायें अपने श्रृृंगार के साथ प्रकृति का श्रृृंगार करने हेतु आगे आयें और उसे हरा-भरा बनायें रखें। इस अवसर पर स्कूल की शिक्षिकाएं ममता पाल, रजनी, दीक्षा, प्रियंका सहित अन्य महिलाएं भी मौजूद थी।

 


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