Advertisement

ऋषिकेश में अब पेड़ों के कटान नहीं, छटान के बाद अन्यत्र किए जाएंगे शिफ्ट


 

ऋषिकेश, 10 सितंबर ।ऋषिकेश -हरिद्वार मार्ग पर एन एच द्वारा सड़क के बीच में आ रहे 14 पेड़ों की कटान प्रक्रिया का पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किए जाने के बाद एनएच और वन विभाग के बीच बनी आपसी सहमति के चलते यह तय किया गया, कि अब पेड़ों का कटान नहीं छटानकर उनको शिफ्ट किया जाएगा ।

यह सहमति पर्यावरण कार्यकर्ताओं हेमंत गुप्ता ,सुदामा सिंघल, गोपाल नारंग के साथ एनएच विभाग के अपर सहायक अभियंता क्षेत्रपाल सिंह, वन विभाग के रेंजर एमएस रावत के साथ हुई समझौता वार्ता के दौरान बनी, कि अब वृक्षों के छटांन के बाद उन्हें अन्यत्र स्थान पर शिफ्ट कर दिया जाएगाः जिससे पेड भी बचेगा ।और पेड़ कटान पर आने वाला खर्च भी कम आयेगा।

उन्होंने बताया कि अभी तक ऋषिकेश हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर 14 पेड़ों के कटान पर लगभग ₹527000 का खर्च आना थाः लेकिन अब थ पेड़ शिफ्टिंग किए जाने पर मात्र 25 से ₹30000 का खर्चा आएगा। जिससे पेड़ भी बचेगा और भी, पर्यावरण कार्यकर्ता हेमंत गुप्ता ने बताया कि इस प्रकार का प्रयोग उत्तराखंड में पहली बार हो रहा है।

इस तकनीकी को उत्तराखंड सरकार द्वारा सभी पेड़ों के कटान से पूर्व अपनाया जाना चाहिए, जिसका लाभ सभी को मिलेगा।

यहां बताते चलें कि उत्तराखंड हाई कोर्ट में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गुप्ता द्वारा ऋषिकेश की सड़कों पर   अतिक्रमण को हटाए जाने के लिए जनहित याचिका लगाई गई थी जिसके अंतर्गत 3000 से अधिक जगह अतिक्रमण सरकारी भूमि पर किया गया था जिसकी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर किए गए अतिक्रमण को हटाए जाने के लिए एनएच विभाग को निर्देशित किया था जिसके चलते कोयल घाटी से लेकर त्रिवेणी घाट तक प्रथम चरण में सड़कों के बीच में आए पेड़ों को भी काटा जा रहा है।

जिसके साथ बिजली विभाग के खंबो को भी हटाया जाना हैं । इसी प्रक्रिया के चलते वन विभाग ने सडक में आ रहे 14 पेड़ों को काटना शुरू कर दिया था जो कि 100 वर्ष से पुराने पेड़ थे जिसे लेकर पर्यावरण कार्यकर्ता सड़कों पर आ गए और उन्होंने पेड़ों के कटान को रोककर उन्हें अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की मांग की थी जिनकी मांग को उचित ठहराते हुए अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की बात पर सहमति बन गई है ।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *